Pakistan Economic Crisis News: क्या पाकिस्तान के हालात श्रीलंका की तरह होने जा रहे हैं ? दरअसल यह सवाल लोगों के मन में वहां के हालात को देखकर उठ रहे हैं. भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की बात करें तो यहां आर्थिक बदहाली (Economic Crisis in Pakistan) से लोग परेशान हैं. बाजार और शादी हॉल बंद करने की नौबत आ गयी है. इतना ही नहीं देश में एलपीजी गैस प्लास्टिक (LPG In PlasticLPG In Plastic Bags) के थैलों में लाते हुए लोग नजर आ रहे हैं जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है.
खबरों की मानें तो पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल की वजह से देश की अर्थिक स्थिति बदहाल होने के कागार पर पहुंच गयी है. पाकिस्तान के हालात ऐसे हो चले हैं कि यहां नकदी संकट के साथ-साथ उर्जा संकट से भी देश की जनता की परेशानी बढ़ी हुई है. श्रीलंका की तरह पाकिस्तान पर भी कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, जबकि विदेशी मुद्रा भंडार में आ रही कमी पाकिस्तानी सरकार को परेशान कर रही है.
न्यूज वेबसाइट डॉन की मानें तो, मार्च 2022 तक पाकिस्तान का कुल कर्ज लगभग 43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया था जिसमें सबसे ज्यादा लेनदारी इमरान खान सरकार के कार्यकाल में देखने को मिला. इमरान खान सरकार के कार्यकाल पर नजर डालें तो उन्होंने 3 ही साल में अपनी जनता पर रोज लगभग 1400 करोड़ रुपये का कर्ज डालने का काम किया. ओवर ऑल देखा जाए तो पाकिस्तान की इकोनॉमी अपने सबसे बुरे दौर से गुजरा रही है.
गंभीर नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान कई तरह के कदम उठा रहा है ताकि इस समस्या से वो उबर सके. बाजारों और मैरिज हॉल को जल्दी बंद करने को लेकर पाक सरकार की ओर से फैसला लिया गया है. कैबिनेट ने ऊर्जा बचाने और आयातित तेल पर निर्भरता कम करने को लेकर अहम निर्णय लिया है और राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण योजना को मंजूरी देने का काम किया है. रक्षा मंत्री के अनुसार, बाजार रात 8.30 बजे बंद कर दिये जाएंगे. वहीं मैरिज हॉल 10 बजे के बाद खुले नजर नहीं आएंगे. ऐसा करने से सरकार के 62 अरब रुपये बचेंगे. इतना ही नहीं पाकिस्तान में सभी सरकारी मीटिंग्स दिन में ही करने का फैसला किया गया है.
पाकिस्तान सरकार के पास कर्मचारियों को सैलरी देने तक के लिए पैसे नहीं बचे हैं जिससे कर्मचारी नाराज हैं. पाकिस्तान के रेलवे डिपार्टमेंट की हालत सबसे ज्यादा खराब होती जा रही है. यहां पिछले एक साल में रिटायर हुए अधिकारियों को ग्रेच्युटी देने के लिए पैसे भी सरकार के पास नहीं बचे हैं. यही नहीं पाकिस्तान रेलवे अपने कर्मचारियों को सैलरी और रिटायर कर्मचारियों को नियमित पेंशन तक देने में सक्षम नहीं है.