Pakistan Economic Crisis: गंभीर अर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बर्बादी की सीमा से कुछ ही कदम दूर खड़ा है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने के कागार पर है. लगातार डॉलर की कमी की वजह से तेल कंपनियों ने हाथ खड़े कर लिए हैं. साथ ही पाकिस्तान की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी में कच्चा तेल नहीं होने की वजह से ताला लगने की खबर भी सामने आ रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉलर में कमी की वजह से पाकिस्तानी रुपये की कीमत में लगातार कमी देखी जा रही है. बताया जा रहा है कि तेल रिफाइनरी जल्द-जल्द से शुरू नहीं होने की स्थिति में कुछ ही दिनों में पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था डूब जाएगी और पाकिस्तान डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि 2022 में आई बाढ़ की वजह से पाकिस्तान में बड़ी संख्या में सड़क और पुल तबाह हो गए थे. इस कारण तेल कंपनियों को कच्चा तेल लाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था और तेल कंपनियों का खर्च बढ़ गया था. ऑयल कंपनी एडवाइजरी कांउसिल (OCAC) के मुताबिक, अगर तुरंत कच्चे तेल के आयात का प्रबंध नहीं किया गया तो उद्योग धंधे बर्बाद हो जाएंगे. सबकुछ खत्म हो जाएगा.
आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान को अब आईएमएफ की ओर से मदद मिलने का इंतजार है. हालांकि, पाकिस्तान को आईएमएफ की तरफ से किसी प्रकार की आर्थिक मदद मिलने की संभावना कम है. इससे पहले भी पाकिस्तान कई बार आईएमएफ से आर्थिक मदद की गुहार लगा चुका है. लेकिन, आईएमएफ पाकिस्तान को अपने खर्च कम करने की सलाह दे चुका है. आईएमएफ की शर्तों को मानने की वजह से भी पाकिस्तान में महंगाई बढ़ी है. बताया जा रहा है कि वर्तमान में आईएमएफ की एक टीम पाकिस्तान में है और वो रिव्यू मीटिंग कर रही है. सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, अगर रिव्यू मीटिंग में पाकिस्तान आईएमएफ के सभी शर्तों को मानने के लिए तैयार हो जाता है तो उसे सात अरब डॉलर की मदद मिल सकती है.