Pakistan Donkey Population: पाकिस्तान गधों की संख्या के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. मजे की बात है कि पड़ोसी देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में गधों की अहम भूमिका रहती है. गधे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं. इमरान खान जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे उस समय उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए पीएम हाउस के पशुधन को बेचा था, यही नहीं उन्होंने बड़ी संख्या में चीन को गधे बेचे थे.
गधे पाकिस्तानियों की आखिरी उम्मीद
गधे कई पाकिस्तानियों की आखिरी उम्मीद हैं, खास करके उन लोगों के लिए जो ग्रामीण इलाकों में रहते हैं. ग्रामीण इलाकों में अर्थव्यवस्था इन जानवरों के साथ गहरे से जुड़ी हुई है. पशुपालन पाकिस्तान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. 80 लाख से अधिक ग्रामीण परिवार पशुधन उत्पादन में लगे हुए हैं.
2023-24 में पाकिस्तान में गधों की संख्या 59 लाख
पाकिस्तान में पशुधन पर जारी नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान देश में गधों की संख्या 1.72 प्रतिशत बढ़कर 59 लाख हो गयी है. मंगलवार को पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण (पीईएस) 2023-24 जारी किया गया जिसमें मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रमुख आर्थिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है. इसमें दिखाया गया है कि देश में गधों की संख्या बढ़ रही है.
2019-2020 में 55 लाख थी संख्या
पीईएस में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि बोझ ढोने वाले जानवरों की संख्या 2019-2020 में 55 लाख थी. यह संख्या 2020-21 में 56 लाख, 2021-22 में 57 लाख और 2022-23 में 58 लाख थी, जबकि 2023-24 में यह बढ़कर 59 लाख हो गई है. इसमें कहा गया है कि घोड़े और खच्चरों की संख्या में पिछले पांच वर्षों में कोई खास बदलाव नहीं आया है, तथा यह क्रमशः चार लाख और दो लाख है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब द्वारा जारी किए गए इस सर्वेक्षण में अन्य पशुधन का भी ब्यौरा दिया गया है. देश में ऊंटों की संख्या जो पिछले चार वर्षों से स्थिर थी, अब बढ़ गई है। इनकी संख्या पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 11 लाख से बढ़कर 12 लाख हो गई है.
पाकिस्तान से गधे क्यों खरीदता है चीन
चीन हमेशा पाकिस्तान से गधे खरीदता है. चीन में गधों की भारी मांग है. भले ही दुनिया के अन्य हिस्सों में गधों का कुछ खास महत्व नहीं है, लेकिन चीन में इसे बेहद खास माना जाता है. चीन में गधे की खाल की मांग बहुत अधिक है. गधे के खाल और उससे बने उत्पाद को चीन में कीमती माना जाता है. चीन में गधों की डिमांड पूरा करने में विफल रहता है, वैसे में उसे पाकिस्तान के आगे हाथ फैलाना पड़ता है. पाकिस्तान सबसे अधिक चीन को गधे देता है.