जेल में आतंकी हाफिज सईद, रिश्तेदार चुनावी मैदान में, ‘पाकिस्तान मरकाजी मुस्लिम लीग’ की आई प्रतिक्रिया

पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. इस चुनाव में एक पार्टी ‘पाकिस्तान मरकाजी मुस्लिम लीग’ की चर्चा जोरों पर हो रही है जिसका संबंध आतंकी हाफिज सईद से है.

By Amitabh Kumar | February 8, 2024 8:58 AM

पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए आठ फरवरी को मतदान डाले जा रहे हैं. हमेशा आतंकवाद को लेकर चर्चा में रहने वाले पाकिस्तान को लेकर एक बात कही जाती है- यहां पीएम इलेक्ट नहीं होते बल्कि सलेक्ट किये जाते हैं. दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि दौड़ में सबसे आगे चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सेना का समर्थन प्राप्त है और उनके चुनाव में जीत दर्ज करने की पूरी संभावना है. पिछले चुनाव में भी इमरान खान की पार्टी पीटीआई के साथ भी कुछ इसी तरह की बात देखने को मिली थी. इस बीच चुनाव में एक नाम की चर्चा काफी हो रही है जो आतंकी गतिविधि में लिप्त रहा है और उसे बहुत ही शिद्दत से भारत ढूंढ़ रहा है. जी हां…हम बात मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमलों के सरगना हाफिज सईद की कर रहे हैं.

पाकिस्तान के आम चुनाव में उतरी हाफिज सईद की पार्टी

आतंकी हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठनों का नया चेहरा माना जा रहा ‘पाकिस्तान मरकाजी मुस्लिम लीग’ नामक नया राजनीतिक दल चुनावी मैदान में उतरा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस संगठन द्वारा पाकिस्तान के कई शहरों से नामांकित कुछ उम्मीदवार हाफिज सईद के रिश्तेदार हैं. या नहीं तो, इन उम्मीदवारों का संबंध पूर्व में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा या मिल्ली मुस्लिम लीग से रह चुका है.

हाफिज सईद को सुनाई गई कुल 31 साल की जेल की सजा

आपको बता दें कि आतंकवाद के लिए पैसा उपलब्ध करने के आरोपी हाफिज सईद को कुल 31 साल की जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभी वह लाहौर की एक जेल में बंद है. पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालतों ने इस आतंकी को सजा सुनाई है. हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर 2008 को ‘वैश्विक आतंकवादियों’ की लिस्ट में डाला था. भारत ने पिछले साल 29 दिसंबर को पाकिस्तान से सईद को प्रत्यर्पित करने के लिए कहा था जो आतंकवाद के कई मामलों में वांटेड है.

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भारत ने क्या दी प्रतिक्रिया

हाफिज सईद के बेटे हाफिज तलहा के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की जैसे ही खबर आई, भारत ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी. भारत की ओर से कहा गया कि पड़ोसी मुल्क में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को ‘मुख्यधारा’ में लाने का प्रयास किया जा रहा है. यह नयी बात नहीं है. भारत ने कड़े शब्दों में कहा कि लंबे समय से ये पाकिस्तान की सरकारी नीति का हिस्सा रहा है. इस बीच पाकिस्तान में धार्मिक संस्थाओं पर नजर रखने वाले विश्लेषकों की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा है कि मरकाजी मुस्लिम लीग, सईद की जमात-उद-दावा का ‘‘नया राजनीतिक चेहरा’’ है. इसके बाद, पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि सईद के संगठनों से हमारी पार्टी का कोई नाता नहीं है.

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