पाकिस्तान: चुनाव आयोग ने पंजाब चुनावों की तारीखों का किया एलान, SC के फैसले की इमरान खान ने की सराहना
इमरान खान ने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के आदेश को निरस्त करने और 14 मई को पंजाब विधानसभा चुनाव कराने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना की. शीर्ष न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने राजनीतिक महत्व रखने वाले इस राज्य में चुनावों के लिए 14 मई की तारीख तय की है.
Pakistan Election: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को कहा कि यदि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नीत गठबंधन सरकार निष्पक्ष आम चुनाव कराने के लिए उनके साथ कोई योजना साझा करती है तो वह अक्टूबर तक इंतजार करने के लिए तैयार हैं. मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख खान संसद में अपने खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर पिछले साल अप्रैल में प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद से शीघ्र राष्ट्रीय चुनाव कराने की मांग करते रहे हैं.
अक्टूबर तक आम चुनाव कराने की तैयारी: पाकिस्तान निर्वाचन आयोग अक्टूबर तक आम चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है. ‘द न्यूज’ की खबर के मुताबिक, क्रिकेट खिलाड़ी से नेता बने खान ने कहा कि वह चुनावों के लिए अक्टूबर तक इंतजार करने को तैयार हैं, हालांकि उनका फैसला पीडीएम नीत गठबंधन सरकार की इच्छा पर निर्भर करता है. सत्तारूढ़ पीडीएम में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सहित कई राजनीतिक दल शामिल हैं. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि गठबंधन सरकार उनके साथ कोई ‘रोडमैप’ साझा कर यह सुनिश्चित करती है कि हर चीज व्यवस्थित रूप से होगी, तब वह चुनावों के लिए अक्टूबर तक इंतजार कर सकते हैं.
उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना: वीडियो लिंक के जरिये अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के आदेश को निरस्त करने और 14 मई को पंजाब विधानसभा चुनाव कराने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना की. शीर्ष न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने राजनीतिक महत्व रखने वाले इस राज्य में चुनावों के लिए 14 मई की तारीख तय की है.
खान ने दावा किया कि पीएमएल-एन नीत संघीय सरकार की योजना पंजाब प्रांत में 14 मई को चुनाव कराये जाने की अवज्ञा करने की है. उन्होंने अपनी पार्टी के समर्थकों से संविधान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरने के वास्ते तैयार रहने की अपील की. वहीं, दूसरी ओर सत्तारूढ़ गठबंधन ने ऐलान किया है कि वह अदालत की अवमानना या अयोग्य ठहराये जाने का सामना करने को तैयार है, लेकिन उच्चतम न्यायालय के फैसले को वह लागू नहीं करेगा.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके मंत्रिमंडल ने न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया है और ऐलान किया है कि यह चाहे जो कुछ भी हो वे इसका पालन नहीं करेंगे. पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ 2019 से स्व-निर्वासन में लंदन में रह रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान सरकार से प्रधान न्यायाधीश सीजेपी बंदियाल और पीठ के दो अन्य सदस्यों के खिलाफ कदम उठाने को कहा है. नवाज की बेटी मरयम नवाज ने भी बुधवार को ऐलान किया कि सरकार शीर्ष न्यायालय के फैसले को लागू नहीं करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ के विवादित फैसले को लागू नहीं करने के लिए हमें अदालत की अवमानना या अयोग्य ठहराये जाने की परवाह नहीं है.’’
सड़क पर उतरेंगे इमरान: वहीं, इमरान खान ने न्यायालय के फैसले के समर्थन में सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा, ‘‘अपने फैसलों को लागू करने के लिए उच्चतम न्यायालय के पास सेना नहीं है…इनकी राष्ट्र द्वारा रक्षा करनी होगी.’’ खान ने संभवत: पूर्व प्रधानमंत्री एवं पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘मौजूदा सरकार चुनावों से बचने के लिए हर तरकीब का इस्तेमाल कर रही है, जो लंदन योजना का हिस्सा है.
पिछले साल नवंबर में अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के बाद से खान ‘लंदन योजना’ का जिक्र करते रहे हैं. उनके मुताबिक, इसमें उनकी हत्या की साजिश और एक नियुक्ति पर सहमत होने के बदले ‘भगोड़े’ नवाज शरीफ की सत्ता में वापसी के वादे करना शामिल है. पाकिस्तान में पिछला आम चुनाव जुलाई 2018 में हुआ था और पाकिस्तान की मौजूदा नेशनल असेंबली का कार्यकाल अक्टूबर 2023 तक है.