पाकिस्तान की UNSC में 8वीं बार एंट्री, क्या भारत की बढ़ेगी चिंता?
Pakistan Entry UNSC: विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान यूएनएससी की सदस्यता का उपयोग भारत के खिलाफ अपने दृष्टिकोण को उजागर करने के लिए कर सकता है.
Pakistan Entry UNSC: 2025-26 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अस्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तान की एंट्री ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है. एक जनवरी 2025 से शुरू हुए इस दो साल के कार्यकाल के तहत, पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अपनी बात रखने और प्रमुख मुद्दों पर चर्चा में भाग लेने का अवसर मिलेगा. हालांकि, स्थायी सदस्य न होने के कारण पाकिस्तान के पास वीटो का अधिकार नहीं होगा.
पाकिस्तान की नई भूमिका क्या है?
पाकिस्तान को 193 सदस्यीय महासभा में 182 वोटों का समर्थन मिला, जो न्यूनतम आवश्यक 124 वोटों से काफी अधिक थे. इससे पहले पाकिस्तान सात बार यूएनएससी का अस्थायी सदस्य रह चुका है, अंतिम बार 2012-13 में. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कहा कि पाकिस्तान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में सक्रिय और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
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भारत के लिए क्या मायने रखता है यह कार्यकाल?
विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान यूएनएससी की सदस्यता का उपयोग भारत के खिलाफ अपने दृष्टिकोण को उजागर करने के लिए कर सकता है. जुलाई 2025 में पाकिस्तान की अध्यक्षता के दौरान यह संभावना और बढ़ जाएगी. हालांकि, वीटो शक्ति न होने से उसकी भूमिका सीमित रहेगी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को कूटनीतिक मोर्चे पर सतर्क रहना होगा.
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसहाक डार ने कहा कि यह कार्यकाल देश के अनुभव और शांति स्थापना प्रयासों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने आतंकवाद, अवैध बल प्रयोग और एकतरफा कार्रवाइयों के विरोध में काम करने का आश्वासन दिया. पाकिस्तान की यूएनएससी में यह मौजूदगी न केवल उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि भारत के लिए संभावित कूटनीतिक चुनौतियां भी खड़ी कर सकती है.
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