Pakistan: पाकिस्तान में आर्थिक संकट बना हुआ है. भूख से वहां के कई लोग लड़ रहे है. ऐसे में वहां की आर्थिक स्थिति से जुड़ी हुई कई तस्वीरें आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते थे. अब देश की राजनीतिक स्थिति भी बदतर होती जा रही है. अब ऐसे में जब पाकिस्तान एक संकट से दूसरे संकट की ओर बढ़ रहा है, देश के स्वतंत्रता के बाद के इतिहास में बहुत कम बार ऐसा हुआ है जब देश के नागरिक आर्थिक और राजनीतिक मंदी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे हुए है.
हाल ये है कि पाकिस्तान में आर्थिक संकट अपने 48 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंचा हुआ है. दुनिया का पांचवा सबसे अधिक आबादी वाला देश अब ऋण चुकाने की स्थिति में भी नहीं है. अब पाकिस्तान में श्रीलंका और वेनेजुएला सहित अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति बन रही है. फिलहाल पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार एक महीने से कम के आयात को कवर कर रहा है. देश में आए विनाशकारी बाढ़ से अरबों की क्षति हुई है. तब से स्थिति बद-से-बदत्तर होती जा रही है.
ताजा मिली जानकारी के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से पाकिस्तान की राहत राशि के लिए इस सप्ताह की बातचीत सफल नहीं हो पाई है लेकिन आगे भी प्रयास किया जा सकता है. लेकिन यह तो बात तय है कि तत्काल में पाकिस्तान को कोई राहत नहीं मिलेगा. हालांकि, मेज पर मौजूद राशि $6.5 बिलियन के ऋण कार्यक्रम का हिस्सा अभी भी पाकिस्तान के खाली खजाने को भरने के लिए पर्याप्त नहीं है.
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प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार और पूर्व नेता इमरान खान के बीच लड़ाई ने देश को दो टुकड़ों में बांट दिया है. 2023 की दूसरी छमाही में अपेक्षित राष्ट्रीय चुनाव गड़बड़ कर सकते हैं. हाल ही में पेशावर शहर में एक आत्मघाती बम विस्फोट में 100 से अधिक लोग मारे गए, जो इस्लामाबाद के तालिबान के साथ निरंतर संबंधों के जोखिमों को दर्शाता है, जिन्होंने पड़ोसी अफगानिस्तान में अपना नियंत्रण कड़ा कर लिया है.