Taliban Live in Pakistan : पाकिस्तान की हरकत से हर कोई वाकिफ है. खुद देश की पोल सरकार के अपने ही मंत्री खोलते रहते हैं. इस बार पाकिस्तान के बड़बोले गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने इमरान सरकार को बेनकाब किया है. राशिद ने कबूल किया कि अफगानिस्तान के तालिबानी आतंकवादियों के परिवार को उनके देश में शरण दी जाती है. उन्होंने कहा है कि आतंकी के परिवार राजधानी इस्लामाबाद समेत उनके देश के अन्य हिस्सों में रहते हैं. वे यही नहीं रुके आगे उन्होंने कहा कि तालिबान को पाकिस्तानी अस्पतालों में चिकित्सा उपचार देने का काम किया जाता है. यह खबर पाकिस्तानी मीडिया में सुर्खियां बटोर रही है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद का यह बयान ऐसे समय आया है, जब गृह युद्ध से जूझ रहे अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी की समयसीमा बहुत ही करीब है. तालिबान के हमले के कारण पिछले कुछ दिनों से अफगानिस्तान में हिंसा में भारी बढ़ोतरी नजर आ रही है. अपनी खुलती पोल के बीच पाकिस्तान लगातार अफगानिस्तानी नेताओं के आरोपों को खारिज करता है. अफगानिस्तानी नेता अक्सर तालिबानी विद्रोही गतिविधियों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हैं.
क्या कहा शेख राशिद ने : शेख राशिद ने पाकिस्तानी टीवी न्यूज चैनल जियो न्यूज को साक्षात्कार दिया जिसमें उन्होंने कहा कि तालिबान परिवार यहां पाकिस्तान में निवास करते हैं. तालिबानी आतंकवादियों के परिवार पाकिस्तान के रवात, लोई बेर, बारा काहू और तरनोल जैसे इलाकों में अपना ठिकाना बनाए हुए हैं. उनके इस बयान से पाकिस्तान एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है. यदि आपको याद हो तो पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान में हिंसा को लेकर तालिबान का बचाव कुछ दिन पहले किया था. इसके लिए उन्होंने आईएसआईएस को दोषी ठहराया था.
Also Read: अफगानिस्तान में बस को निशाना बना कर किया गया विस्फोट, महिलाओं और बच्चों समेत 11 घायल
लड़ाकों के शव अस्पताल लाए जाते हैं : यहां चर्चा कर दें कि मंत्री ने जिन इलाकों का जिक्र किया उन्हें इस्लामाबाद के मशहूर उपनगरीय इलाके कहा जाता है. राशिद ने चैनल से कहा कि कभी-कभार उनके (लड़ाकों) के शव अस्पताल लाए जाते हैं, तो कभी-कभी वे इलाज के लिये यहां आते हैं. पाकिस्तान पर अक्सर अफगान तालिबान आतंकवादियों को पनाह देने और उनका समर्थन करने का आरोप लगाया जाता रहा है, जो पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान सरकार से लड़ने का काम कर रहे हैं. पाकिस्तान के किसी शीर्ष मंत्री व वरिष्ठ राजनेता द्वारा इसे स्वीकार किया जाना दुर्लभ ही कहा जा रहा है.
Posted By : Amitabh Kumar