भारी बारिश के कारण पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा बाढ़ से प्रभावित हो चुका है. बारिश और बाढ़ की वजह से पाकिस्तान आर्थिक रूप से कमजोर भी हो चुका है. बाढ़ से मरने वालों की संख्या 1396 हो गई है, जबकि घायलों की कुल संख्या 12700 से अधिक है. हालांकि बाढ़ से प्रभावित पाकिस्तान की सहायता के लिए कई देश सामने आने लगे हैं. खुद संयुक्त राष्ट्र ने भी मदद पहुंचायी है. इधर बाढ़ से बचाव के लिए स्थानिय लोग भी आगे बढ़कर लोगों की मदद कर रहे हैं. इसमें सदभावना भी नजर आ रही है. हिंदू समुदाय के लोग बाढ़ पीड़ितों की मदद से के लिए दिल खोकर सामने आ रहे हैं.
हिंदू समुदाय ने बाढ़ पीड़ितों के लिए खोला मंदिर का दरवाजा
पाकिस्तान में बाढ़ में फंसे और विस्थापित लाखों लोगों को मदद का बेसब्री से इंतजार है, ऐसे में बलूचिस्तान के एक छोटे से गांव में एक हिंदू मंदिर ने लगभग 200 से 300 बाढ़ पीड़ितों को भोजन और आश्रय प्रदान करके इंसानियत और नेकदिली का परिचय दिया है.
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कच्छी जिले के जलाल खान गांव में ऊंचाई पर स्थित है बाबा माधोदास मंदिर
कच्छी जिले के जलाल खान गांव में ऊंचाई पर स्थित होने के कारण बाबा माधोदास मंदिर बाढ़ के पानी से अपेक्षाकृत बचा हुआ है. ऐसे में यह मुश्किल समय में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए एक पनाहगाह बन गया है. नारी, बोलन, और लहरी नदियों में बाढ़ के कारण यह गांव प्रांत के बाकी हिस्से से कट गया है, जिसके कारण दूरदराज के इलाके के निवासी बाढ़ के बीच फंसे हुए हैं.
मंदिर में सौ से अधिक कमरे
रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया है, मंदिर में सौ से अधिक कमरे हैं क्योंकि हर साल बलूचिस्तान और सिंध से बड़ी संख्या में लोग तीर्थयात्रा के लिए यहां आते हैं. रतन के बेटे सावन कुमार ने कहा कि बाढ़ से कुछ कमरे क्षतिग्रस्त हो गए, लेकिन कुल मिलाकर ढांचा सुरक्षित रहा. रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 200-300 लोगों, ज्यादातर मुस्लिम और उनके पशुओं को परिसर में शरण दी गई और हिंदू परिवारों द्वारा उनकी देखभाल की गई. प्रारंभ में, क्षेत्र शेष जिले से पूरी तरह से कट गया था. विस्थापितों ने कहा कि उन्हें हेलीकॉप्टर से राशन उपलब्ध कराया गया था, लेकिन जब वे मंदिर के अंदर चले गए, तो उन्हें हिंदू समुदाय द्वारा भोजन खिलाया जा रहा है.
मंदिर में लोगों के साथ-साथ जानवरों को भी रखा गया
जलाल खान के एक डॉक्टर इसरार मुघेरी जिन्होंने मंदिर के अंदर एक चिकित्सा शिविर स्थापित किया है, ने बताया, स्थानीय लोगों के अलावा, हिंदुओं ने अन्य जानवरों के साथ-साथ बकरियों और भेड़ों को भी रखा है. वह बताते हैं, स्थानीय हिंदुओं द्वारा लाउडस्पीकर पर घोषणाएं की गईं, मुसलमानों को शरण लेने के लिए मंदिर में आने को कहा गया. वहां शरण लेने वालों का कहना है कि इस मुश्किल घड़ी में उनकी सहायता के लिए आने और उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए वे स्थानीय समुदाय के ऋणी हैं.
पाकिस्तान में बाढ़ से अबतक करीब 1400 लोगों की मौत
बाढ़ में लगभग 1,400 लोग मारे गए हैं जिसने देश का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न कर दिया है, फसलें नष्ट हो गई हैं और तीन करोड़ तीस लाख से अधिक विस्थापित हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान को बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए प्रयास तेज करने का आह्वान किया.