Loading election data...

सिखों से छिनी करतारपुर गुरुद्वारे के रखरखाव की जिम्मेदारी, इस कारण पाकिस्तान ने चली ऐसी चाल

पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने करतारपुर गुरुद्वारे का रख-रखाव पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से छीन लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2020 10:00 AM

करतारपुरः पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान खान सरकार (Imran Khan Government) ने करतारपुर गुरुद्वारे का रख-रखाव पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से छीन लिया है. पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारे की जिम्मेदारी Evacuee Trust Property Board (ETPB) को दे दिया है. सबसे बड़ी बात यह है कि गुरुद्वारे के रख रखाव के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के नौ सदस्यों में से एक भी सिख सदस्य नहीं हैं.

गौरतलब है कि, करतारपुर गुरुद्वारे के रख रखाव की जिम्मेदारी लेने वाले सभी 9 सदस्य (9 Member) ETPB से है. और ETPB को पाकिस्तान की खूफिया ऐजेंसी आईएसआई नियंत्रित करती है. इससे साफ है कि भले ही इमरान खान सरकार ने जिम्मेदारी ETPF को दे दी है, लेकिन कहीं न कहीं अब गुरुद्वारे का रख रखाव आईएसआई की निगरानी में होगा.

पाकिस्तान सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का सीईओ मो. तारिक खान को बनाया है. और अब पाकिस्तान सरकार सरकार की मंशा करतारपुर गुरुद्वारे से कमाई करने की है. क्योंकि सरकार ने जो नए आदेश जारी किये हैं उसमें गुरुद्वारे के जरिए बिजनेन करने का इरादा भी है. मतलब साफ है कि गुरुद्वारे से अब पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पैसा कमाने की ताक में है.

बता दें, करतारपुर साहिब सिखों के पवित्र स्थलों में से एक है. इसी जगह पर सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव ने अपना आखिरी वक्त बिताया था. सिखों की आस्था देखते हुए भारत पाकिस्तान ने साझा प्रयास कर यहां एक कॉरिडोर बना दिया. इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा जाता है. जिसमें लाखों सिख यहां दर्शन करने आते हैं.

Also Read: US Election 2020: इन दोनों में से एक में भी जीते तो बाइडेन बनेंगे प्रेसिडेंट, जानिये क्या बन रहा है अमेरिकी चुनाव का समीकरण

हालांकि, कोरोना महामारी के कारण करतारपुर कॉरिडोर को बंद कर दिया गया था. ये बता दें कि, 30 नवंबर को गुरु नानक देव जी की जयंती है, जिसे देखते हुए पाकिस्तान ने सिख श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया है. वहीं, करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान सरकार ने साफ कर दिया है कि दर्शन को आनवाले हर श्रद्धालु को 20 डॉलर बतौर सर्विस फीस जमा करना होगी.

Also Read: भंवर में अमेरिकी चुनाव का नतीजा

Posted by: Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version