पंजाब सीएम चुनाव विवाद : सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का बायकॉट करेगी पाकिस्तान सरकार
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के नेता मौलाना फज़ल-उर-रहमान ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकारी वकीलों ने सर्वोच्च अदालत से इस मामले में एक पूर्ण पीठ गठित करने की सिफारिश की लेकिन अदालत ने सलाह को मानने के बजाय इसे खारिज कर दिया.
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की गठबंधन सरकार ने पंजाब के मुख्यमंत्री के विवादास्पद चुनाव से जुड़े एक अहम मामले की सुनवाई के लिए पूर्ण पीठ नहीं बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की है. इसके अलावा, सरकार ने इस मामले में सर्वोच्च अदालत की कार्यवाही का बहिष्कार करने की भी घोषणा की है. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने हमजा शहबाज के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से चुने जाने से संबंधित एक मामले की सुनवाई के लिए एक पूर्ण पीठ बनाने से सोमवार को इनकार कर दिया था. अदालत का कहना है कि इस मुद्दे पर फैसला लेने से पहले उसे और दलीलें सुननी होंगी.
अदालत ने पूर्ण पीठ का गठन करने से किया इनकार
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के नेता मौलाना फज़ल-उर-रहमान ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकारी वकीलों ने सर्वोच्च अदालत से इस मामले में एक पूर्ण पीठ गठित करने की सिफारिश की लेकिन अदालत ने सलाह को मानने के बजाय इसे खारिज कर दिया. देश में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) की गठबंधन सरकार है.
चौधरी परवेज इलाही ने दायर की है याचिका
मौलाना फज़ल-उर-रहमान ने कहा कि सभी पक्षों के सहयोगी इस मामले में एक स्पष्ट रुख देना चाहते हैं कि अगर पूर्ण पीठ के लिए हमारा अनुरोध खारिज कर दिया जाता है, तो हम भी अदालत के इस फैसले को खारिज करेंगे. हम इस मामले के लिए इस पीठ के सामने पेश नहीं होंगे और कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे. प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर की तीन सदस्यीय सर्वोच्च अदालत की पीठ चौधरी परवेज इलाही द्वारा दायर मुख्य याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे.
अधिक मत लाने पर भी सीएम नहीं बन सके परवेज इलाही
चौधरी परवेज इलाही को पंजाब प्रांत की विधानसभा में 186 मत मिले थे, जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रत्याशी हमजा शहबाज को 179 वोट प्राप्त हुए थे, लेकिन सदन के उपाध्यक्ष दोस्त मोहम्मद मज़ारी ने इलाही की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) के विधायकों के 10 वोट खारिज कर दिए. पीएमएल-क्यू के प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन ने अपनी पार्टी के विधायकों को हमज़ा को वोट देने की हिदायत दी थी, जो प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के बेटे हैं. इस वजह से मज़ारी ने पीएमएल-क्यू के मतों की गिनती कराने से इनकार कर दिया.
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पंजाब में अप्रैल से ही जारी है राजनीतिक उठा-पटक
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अप्रैल से ही राजनीतिक उठा-पटक जारी है. इसने शुक्रवार को तब नया मोड़ ले लिया, जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने इलाही को अपना समर्थन दे दिया. हालांकि, उन्हें विजेता घोषित नहीं किया गया. मज़ारी ने अपने फैसले में कहा कि पीएमएल-क्यू के प्रमुख चौधरी हुसैन ने इलाही समेत पार्टी के 10 विधायकों को हमज़ा को वोट देने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्होंने निर्देश का उल्लंघन किया और अनुच्छेद 63-ए की सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई व्याख्या की वजह से उनके मतों की गणना नहीं की गई.