बौखलाकर पाकिस्तानी वायु सेना ने ईरान में जवाबी हवाई हमले किए
पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने ईरान के अपने समकक्ष से कहा कि तेहरान की ओर से किए गए हमलों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाई है.
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ईरान ने मंगलवार की रात बलूच आतंकी संगठन जैश-अल-अदल के दो ठिकानों पर मिसाइलें दागीं जिसके बाद से तनाव जारी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने ईरान में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किये हैं. ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमले से पाकिस्तान बौखला गया था जिसके बाद उसकी ओर से यह कदम उठाया गया. आपको बता दें कि पाकिस्तान ने बुधवार को ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था.
Pakistan has conducted strikes inside Iran, reports AFP News Agency citing Pakistan intelligence official
— ANI (@ANI) January 18, 2024
पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारी की ओर से बताया गया कि पाकिस्तानी वायु सेना ने ईरान में जवाबी हवाई हमले किए.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने हमले के बाद कहा था कि ईरान का हमला पाकिस्तान की संप्रभुता का अकारण और खुला उल्लंघन है. साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों का उल्लंघन है. पाकिस्तान ने इसे पूरी तरह अस्वीकार्य बताया और कहा कि इस अवैध कार्रवाई का जवाब देने का अधिकार पाकिस्तान को भी है.
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इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने ईरान के अपने समकक्ष से कहा कि तेहरान की ओर से किए गए हमलों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाई है.
क्यों ईरान ने किया हमला जानें
ईरानी समाचार एजेंसी ‘तसनीम’ ने बुधवार को कहा था कि पाकिस्तान में जैश-अल-धुल्म (जैश-अल-अदल) आतंकवादी समूह के दो प्रमुख ठिकानों को विशेष रूप से टारगेट किया गया और इसे ध्वस्त कर दिया गया. दरअसल ईरान ने बार-बार कहा है कि आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल उसके सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल कर रहा है और बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में इसके ठिकाने हैं.
भारत की ओर से क्या कहा गया
इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि मामला ईरान और पाकिस्तान के बीच का है. भारत के रुख की बात करें तो आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति जीरो टॉलरेंस वाली है. हम एक्शन को देश की आत्मरक्षा में उठाया गया कदम मानते हैं.