इस्लामाबाद: पाकिस्तान के लिए बुरी खबर है. पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ‘ग्रे लिस्ट’ से उसके बाहर आने की उम्मीद बहुत कम है. कहा जा रहा है कि अप्रैल 2022 में एफएटीएफ का अगला सत्र होगा और तब तक पाकिस्तान को उसकी ‘ग्रे सूची’ में बने रहना पड़ सकता है. मंगलवार को एक खबर में यह जानकारी दी गयी.
‘द न्यूज इंटरनेशनल’ द्वारा पेरिस से प्रकाशित एक खबर के अनुसार, एफएटीएफ का तीन दिवसीय सत्र 19 से 21 अक्टूबर तक आयोजित किया जायेगा. ऐसी संभावना है कि इसी सत्र में सूचित किया जा सकता है कि पाकिस्तान ने अभी एफएटीएफ के मानदंडों को पूरा नहीं किया है.
खबर में जर्मन मीडिया संस्थान डायचे वेले के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ से हटाने का फैसला अप्रैल 2022 में आयोजित होने वाले एफएटीएफ के अगले सत्र में लिया जा सकता है. जून में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को काले धन पर रोक नहीं लगाने, आतंकवाद के लिए वित्तपोषण बढ़ाने पर ‘ग्रे लिस्ट’ में रखा था.
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एफएटीएफ ने पाकिस्तान की सरकार से कहा था कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े हाफिज सईद तथा मसूद अजहर जैसे लोगों के खिलाफ जांच करे और उन पर मुकदमा चलाकर उन्हें सजा दिलवाये. लेकिन, पाकिस्तान की सरकार ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखायी.
लंबे अरसे से पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है. अंतरराष्ट्रीय संस्था बार-बार इस्लामाबाद से कहती है कि वह आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करे, लेकिन पाकिस्तान है कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करती ही नहीं. यही वजह है कि लगातार कई सत्रों से वह ग्रे लिस्ट में बना हुआ है और उससे बाहर नहीं आ पा रहा है.
एजेंसी इनपुट के साथ
Posted By: Mithilesh Jha