Pakistan Lockdown: पाकिस्तान के मुल्तान में AQI 2000 के पार, इन शहरों में लगा लॉकडाउन
Pakistan Lockdown: दिल्ली से लेकर पाकिस्तान तक की हवा जहरीली हो चुकी है. खुली हवा में सांस लेना मुश्किल हो चुका है. लोग बीमार पड़ रहे हैं. वायु प्रदूषण को देखते हुए पाकिस्तान के कुछ शहरों में लॉकडाउन लगा दिया गया है.
Pakistan Lockdown: पाकिस्तान में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्तर पर पहुंच चुका है. सबसे ज्यादा लाहौर और मुल्तान प्रभावित हैं. वायु प्रदूषण का नया रिकॉर्ड बनाते हुए मुल्तान में दो बार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 2,000 को पार कर चुका है. प्रदूषण को देखते हुए पंजाब सरकार ने 15 नवंबर को सप्ताह में तीन दिन लॉकडाउन की घोषणा कर दी. स्कूलों को 24 नवंबर तक बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं.
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लाहौर की AQI रैंकिंग में सुधार
डॉन न्यूज के हवाले से खबर है कि लाहौर में AQI रैंकिंग में सुधार हुई है. रिपोर्ट के अनुसार लाहौर की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रैंकिंग में मामूली सुधार हुआ और 12 दिनों में पहली बार खतरनाक श्रेणी से बाहर आया. हालांकि सोमवार को सुबह लाहौर में AQI फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. लाहौर में AQI 495 दर्ज किया गया.
पंजाब सरकार की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) ने जारी की एडवाइजरी
वायु प्रदूषण को देखते हुए पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने एक एडवाइजरी जारी की है. जिसमें अधिक से अधिक समय घर में बिताने के सुझाव दिए गए हैं. N95 मास्क पहनने का निर्देश दिया गया है. लंबे समय तक व्यायाम करने से बचने की भी सलाह दी गई है. बच्चों और बुजुर्गों को बेवजह घर से बाहर नहीं निकले देने की सलाह दी गई है.
पाकिस्तान में इनपर पूर्ण प्रतिबंध
पाकिस्तान में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए बाहर बैठकर खाने-पीने, पार्क, चिड़ियाघर, ऐतिहासिक स्थल, खेल के मैदान और संग्रहालय 24 नवंबर तक बंद रहेंगे.
लाहौर, मुल्तान, फैसलाबाद और गुजरांवाला में निजी और सार्वजनिक कार्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति लागू कर दी गई है. इस प्रतिबंध को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
पाकिस्तान में स्वास्थ्य संकट घोषित
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने शुक्रवार 15 नवंबर को बताया था कि सरकार ने धुंध को स्वास्थ्य संकट घोषित कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले महीने अस्पतालों में अस्थमा, छाती में संक्रमण, आंखों के संक्रमण और हृदय संबंधी समस्याओं के अलावा सांस से जुड़ी बीमारी के लगभग 20 लाख मामले सामने आए हैं.