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पाकिस्तान की नेशनल असेंबली भंग, इमरान खान का मास्टर स्ट्रोक या अपने पैर पर मारी कुल्हाड़ी!

सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि मंत्रिमंडल को भंग कर दिया गया है. इससे पहले 342 सदस्यीय संसद में बहुमत गंवा चुके प्रधानमंत्री खान ने नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी द्वारा संसद के हंगामेदार सत्र को स्थगित किये जाने के बाद देश को संबोधित किया.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया. इसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को भंग करवाकर इमरान खान ने मास्टर स्ट्रोक खेला है या अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है. बता दें कि अपनी सत्ता बचाये रखने की कोशिश के तहत इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव से कुछ मिनट पहले ही नये सिरे से चुनाव कराने की सलाह दे दी.

राष्ट्रपति ने भंग की नेशनल असेंबली

पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने कहा कि राष्ट्रपति अल्वी ने प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली भंग कर दी है. उन्होंने कहा कि चुनाव 90 दिनों के भीतर कराये जायेंगे. सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि मंत्रिमंडल को भंग कर दिया गया है. इससे पहले 342 सदस्यीय संसद में बहुमत गंवा चुके प्रधानमंत्री खान ने नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी द्वारा संसद के हंगामेदार सत्र को स्थगित किये जाने के बाद देश को संबोधित किया.

इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज

इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज किये जाने के लिए अवाम को बधाई देते हुए कहा कि डिप्टी स्पीकर ने ‘सत्ता बदलने की कोशिश और विदेशी षडयंत्र को नाकाम’ कर दिया. उन्होंने कहा, ‘मुल्क नये चुनावों के लिए तैयार रहे.’ उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव असल में एक ‘विदेशी एजेंडा’ है. इमरान खान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने और नये सिरे से चुनाव कराने की सलाह दी है.

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अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के खिलाफ बताया

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद पांच के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया. अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद सूरी ने अहम सत्र की अध्यक्षता की.

अविश्वास प्रस्ताव के प्रति आश्वस्त था विपक्ष

विपक्ष के सदस्य जब सदन में पहुंचे, तो वे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आश्वस्त दिखाई दिये, लेकिन प्रस्ताव खारिज होने के बाद उन्होंने फैसले का विरोध किया. विपक्ष को इमरान खान को सरकार से बाहर करने के लिए निचले सदन में 342 में से 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है, जबकि उन्होंने दावा किया है कि उनके पास 177 सदस्यों को समर्थन है.

8 मार्च को पेश किया अविश्वास प्रस्ताव

संयुक्त विपक्ष ने 8 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसके बाद मतदान का दिन तय करने को लेकर कई घटनाएं हुईं और तनाव बढ़ा, क्योंकि खान ने दावा किया कि उन्हें विपक्ष के शीर्ष नेताओं के सहयोग से ‘विदेशी साजिश’ के तहत निशाना बनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों, खासकर युवाओं से शनिवार को अपील की कि वे उनकी सरकार के खिलाफ कथित रूप से रचे गये ‘विदेशी षड्यंत्र’ के खिलाफ रविवार को ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन’ करें. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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