Pakistan News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सरकार (Imran Khan) की मुश्किलें बढ़ गई है. पीएम इमरान खान के खिलाफ सोमवार को संसद (Pakistan National Assembly) में अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पेश कर दिया गया है. अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ संसद में अब 31 मार्च को बहस होगी. दरअसल, अविश्वास प्रस्ताव पेश किये जाने के बाद ही नेशनल एसेंबली की कार्यवाही 31 मार्च तक के लिए स्थगित हो गई.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने पेश किया. वहीं, पाकिस्तान में विपक्षी दल ने सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी और पंजाब के सीएम उस्मान बुजदार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कुछ ही हफ्ते पहले पेश किये गये अविश्वास प्रस्ताव के बाद विपक्ष ने यह कदम उठाया गया है.
Leader of the Opposition in the National Assembly Shehbaz Sharif has tabled the no-confidence motion against Prime Minister Imran Khan: Pakistan media
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— ANI (@ANI) March 28, 2022
पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली ने दो दिन के अंतराल के बाद सोमवार को अपना अहम सत्र फिर से आरंभ किया, जिसमें विपक्ष संकटग्रस्त प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. पाकिस्तानी संसद के सचिवालय के समक्ष विपक्षी दलों ने गत 8 मार्च को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी की सरकार देश में बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार है. इसके बाद से देश की राजनीति में अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे है.
बता दें कि विपक्ष ने सदन के अध्यक्ष से 14 दिन के भीतर सत्र बुलाने का अनुरोध किया था. बहरहाल, समय सीमा के तीन दिन बाद 25 मार्च को सत्र बुलाया गया, लेकिन अध्यक्ष ने प्रस्ताव पेश करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. संभावना जताई जा रही थी कि विपक्ष को सोमवार को प्रस्ताव पेश करने का मौका मिल जाएगा. पाकिस्तान गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर 31 मार्च को फैसला किया जाएगा और प्रधानमंत्री इमरान खान कहीं नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि खासकर एक दिन पहले इस्लामाबाद में हुई इमरान खान की शानदार रैली के बाद लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि उनकी राजनीति अब हाशिये पर है. उन्होंने इस अविश्वास प्रस्ताव को पाकिस्तान को कमजोर करने की साजिश करार दिया.
इससे पहले इमरान खान ने इस्लामाबाद में रविवार को एक विशाल रैली को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनकी गठबंधन सरकार गिराने की साजिश में विदेशी ताकतों का हाथ है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके दावों की पुष्टि करने वाला एक पत्र सबूत के तौर पर उनके पास है. इमरान खान सरकार के खिलाफ आठ मार्च को लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के कारण पाकिस्तान का राजनीतिक पारा चढ़ता दिख रहा है, जिसका अगले हफ्ते के अंत तक परिणाम दिख सकता है. इमरान सरकार को गिराने के लिए 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में विपक्ष को 172 मत की जरूरत होगी. 69 वर्षीय इमरान खान वर्ष 2018 में नया पाकिस्तान बनाने के वादे के साथ सत्ता में आये थे, लेकिन वह मूलभूत समस्याओं से निपटने में नाकाम रहे जिससे विपक्ष को हमला करने का मौका मिल गया. नेशनल असेंबली में पीटीआई के 155 सदस्य हैं और उन्हें भी सरकार बचाने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी.