इस्लामाबाद : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए किए गए भूमिपूजन से बौखलाया पाकिस्तान भी अब नेपाल की राह पर चलते हुए विवादित नक्शा पेश किया है. उसने जारी इस विवादित नक्शे में उसने न केवल कश्मीर को अपना बताया है, बल्कि गुजरात के जूनागढ़, मनवादर और कच्छ के रण स्थित सर क्रीक पर भी दावा पेश किया है. कश्मीर में उसने सियाचिन को अपना बताया है. इसके अलावा, इस विवादित नक्शे में ऐसे इलाको भी अनडिफाइंड फ्रंटियर के रूप में पेश किया गया है, जहां से चीन की सीमा शुरू होती है.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के एक साल पूरा होने और राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में भूमिपूजन समारोह के आयोजन के ठीक एक दिन पहले यानी मंगलवार को पाकिस्तान ने इस विवादित नक्शे को पेश किया है. एक साल पहले आज ही के दिन भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने का ऐलान किया था. इसके साथ ही, सरकार ने राज्य को दिए गए विशेष दर्जे को भी वापस ले लिया था. तभी से पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ है और इसी बौखलाहट में वह उटपटांग कदम उठा रहा है.
इतना ही नहीं, इस विवादित नक्शे को पेश करने के दूसरे दिन यानी आज बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गीदड़भभकी देते हुए कहा है कि भारत का पिछले साल उठाया गया कदम एक बड़ी भूल थी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब फंस गए हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने आगे यह भी कहा कि कश्मीर को भारत से जल्द ही आजाद करा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले साल पांच अगस्त को एक बड़ी गलती की.
उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले अनुच्छेद 370 हटाने में डर लग रहा था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद हिंदूवादी वोटबैंक को खुश करने के लिए इतना गलत कदम उठा लिया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार को लगा था कि कश्मीर में ‘आरएसएस के ठगों’ को आतंकवाद के लिए छोड़ दिया जाएगा, जिससे कश्मीर हार मान लेगा.
इमरान खान ने आगे कहा कि मोदी को लगा कि पाकिस्तान चुप रहेगा, क्योंकि वह दोस्ती करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले जब भारत कश्मीर में पेलेट गन का इस्तेमाल कर रहा था, तब उसकी कोई बात नहीं कर रहा था. पाकिस्तान भी कुछ नहीं कर रहा था और संयुक्त राष्ट्र भी नहीं. उन्होंने कहा कि भारत ने अहंकार में पांच अगस्त को कदम उठाया. पीएम मोदी को लगा कि दुनिया भारत का साथ देगी, क्योंकि पश्चिम चीन के खिलाफ भारत का इस्तेमाल करना चाहता है.
Posted By : Vishwat Sen