Pakistan: पाकिस्तान संकट से जूझ रहा है. पाकिस्तान का बंदरगाह शहर ग्वादर को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. अल अरबिया पोस्ट के लिए नादिया अब्देल ने अब लिखा है कि बलूचिस्तान की स्थानीय आबादी यह महसूस कर रही है कि वह लाभ नहीं मिल रहा है, जो स्थिति ग्वादर को मिलनी चाहिए थी. बता दें कि ग्वादर को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के केंद्र के रूप में जाना जाता है.
ग्वादर के लोग पीने के साफ पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहते हैं. अब्देल ने लिखा हैं कि आर्थिक विकास का केंद्र होने के बावजूद ग्वादर ने अपने लोगों का भाग्य नहीं बदला है. ग्वादर में स्थानीय विकास परियोजनाओं का हिस्सा नहीं होने से स्थानीय लोग निराश हैं, जो ज्यादातर चीनी या पाकिस्तान के अन्य प्रांतों के अधिकारियों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं. बता दें कि यह बातें अल अरबिया पोस्ट के लिए अब्देल ने लिखा है.
जानकारी हो कि हक दो तहरीक द्वारा ग्वादर में कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं. उन्होंने बलूचिस्तान के पानी में अवैध ट्रॉलरों पर प्रतिबंध लगाने, सुरक्षा चौकियों में कमी, साथ ही पड़ोसी ईरान के साथ व्यापार के उदारीकरण जैसी विभिन्न मांगों को रखा है. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व बलूच नेता मौलाना हिदायत रहमान ने किया, जो जनता के बीच प्रतिरोध का एक लोकप्रिय चेहरा बनकर उभरा है. प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में मुख्य हवाई अड्डे की सड़क और बंदरगाह की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया था. उन्होंने चीनियों को हवाईअड्डा छोड़ने के लिए भी कहा.
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अल अरबिया पोस्ट के अनुसार, स्थानीय आबादी की ओर से विरोध करने के लिए अगस्त 2021 में ग्वादर राइट्स मूवमेंट की स्थापना की गई थी. वहीं, पाकिस्तान के डॉन अखबार ने बताया कि हक दो तहरीक (एचडीटी) प्रमुख रहमान को शुक्रवार को ग्वादर में लगभग दो सप्ताह तक पुलिस को चकमा देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. डॉन अखबार के मुताबिक ग्वादर पुलिस को एक पुलिसकर्मी की हत्या समेत कई मामलों में रहमान की तलाश थी. रहमान को अदालत से गिरफ्तार किया गया था, जहां वह दो अन्य कार्यकर्ताओं, नसीबुल्लाह नुशेरवानी और हसन मुराद के साथ आत्मसमर्पण करने पहुंचा था.