Loading election data...

नेपाल में भारत के खिलाफ खतरनाक साजिश रच रहा पाकिस्तान, तुर्की के प्रतिबंधित संगठन का ले रहा साथ

तुर्की का आईएचएच नेपाल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से आतंकी गतिविधियों को तेज करने के लिए भारत की सीमा से सटे जिलों में निवास कर रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों की पहुंच बनाकर मदरसे खोल रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2021 1:48 PM
an image

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में आतंकवादियों की सरकार बनाने के बाद खुराफाती पाकिस्तान ने अब भारत विरोधी प्लान बनाना शुरू कर दिया है. खबर है कि उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई तुर्की के प्रतिबंधित संगठन आईएचएच ह्युमैनिटेरियन रिलीफ फाउंडेशन के साथ मिलकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत विरोधी गतिविधियों को शुरू कर दिया है. मीडिया की खबरों के अनुसार, इसकी भनक लगते ही भारत की खुफिया एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गई हैं और उन्होंने आईएसआई और तुर्की के प्रतिबंधित संगठन आईएचएच पर नजर रखना शुरू कर दिया है.

मीडिया की खबर के अनुसार, तुर्की का आईएचएच नेपाल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से आतंकी गतिविधियों को तेज करने के लिए भारत की सीमा से सटे जिलों में निवास कर रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों की पहुंच बनाकर मदरसे खोल रहा है. इसके लिए तुर्की के प्रतिबंधित संगठन आईएचएच को नेपाल इस्लामिक संघ यानी आईएसएन भी सूत्रधार बनकर मदद कर रहा है. नेपाल का यह इस्लामिक संगठन आतंकवादियों को संरक्षण प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रहा है.

बता दें कि वर्ष 2018 में गिरफ्तार किए गए इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के आतंकवादी जुनैद अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ ​​तौकीर ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया था कि आईएसएन के एक कार्यकर्ता निजाम खान ने उसे नेपाल में आश्रय दिया था. निजाम ने उसकी मदद करने के अलावा दूसरे देशों का सफर करने के लिए फर्जी तरीके से नेपाली नागरिकता हासिल करने में मदद भी की थी.

Also Read: तालिबान की मदद के बाद पाकिस्तान ने भारत में आतंकी हमले की रची बड़ी साजिश, इस तरह हुआ खुलासा

मीडिया की खबर के अनुसार, नेपाली संगठन आईएसएन और तुर्की के प्रतिबंधित संगठन आईएचएच नेपाल में भारतीय सीमा से सटे प्रांत नंबर-एक और दो में सक्रिय है. आईएसएन-आईएचएच ने रौहरत, महोतरी और परसा बारा समेत कई इलाकों में मस्जिद और मदरसे स्थापित किए हैं. नेपाल में अल्पसंख्यक समुदाय की कुल संख्या वहां की कुल आबादी के करीब 7-8 फीसदी से कुछ अधिक है. इसमें करीब 95 फीसदी अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भारत की सीमा से सटे तराई क्षेत्र में निवास करते हैं.

Also Read: अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों का बढ़ा टेरर, काबुल में दिल्ली मूल के भारतीय कारोबारी को किया किडनैप

मीडिया की खबर के अनुसार, 1980 के दशक के बाद से भारत-नेपाल सीमा के दोनों ओर मस्जिदों और मदरसों के निर्माण में तेजी देखी गई. सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि इन गतिविधियों में विदेशी एजेंसियों का पैसा शामिल था. डी-कंपनी यानी दाऊद इब्राहीम से संबंधित एक आईएसआई ऑपरेटिव अजीजुद्दीन शेख ने भारतीय खुफिया एजेंसियों को बताया कि आईएसआई के निर्देश पर कपिलवस्तु जिले में सिराज-उल-उलूम मदरसे का इस्तेमाल डी-कंपनी की ओर से भारत विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था.

Exit mobile version