कुर्सी खतरे में पड़ी, तो इमरान खान ने अलापा कश्मीर राग, बोले- अवैध तरीके से खत्म हुआ अनुच्छेद 370
माना जा रहा था कि इमरान का भाषण ओआईसी के प्रति पाकिस्तान की भूमिका और योगदान को उजागर करेगा तथा मुस्लिम जगत के सामने पेश आने वाली चुनौतियों पर रोशनी डालेगा, लेकिन इमरान ने जम्मू-कश्मीर का राग अलापना शुरू कर दिया.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की कुर्सी खतरे में पड़ी, तो फिर अलापने लगे कश्मीर राग. इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में इमरान खान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया. अपने ही लोगों से घिरे इमरान खान ने कहा कि अवैध तरीके से कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म किया गया.
दो दिन का है ओआईसी सम्मेलन
बता दें कि मुस्लिम देशों के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर चर्चा के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) की दो दिवसीय बैठक मंगलवार को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शुरू हुई. 57 सदस्यीय ओआईसी की 48वीं सीएफएम बैठक ‘एकता, न्याय और विकास के लिए साझेदारी विकसित करने’ के विषय पर आयोजित हो रही है.
46 देशों के मंत्री ले रहे हैं भाग
इसमें लगभग 46 सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व मंत्री स्तर पर हो रहा, जबकि बाकियों की नुमाइंदगी वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं. बैठक की अध्यक्षता पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कर रहे हैं. वहीं, प्रधानमंत्री इमरान खान इसके उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण दिया. इसी में उन्होंने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया. माना जा रहा था कि इमरान का भाषण ओआईसी के प्रति पाकिस्तान की भूमिका और योगदान को उजागर करेगा तथा मुस्लिम जगत के सामने पेश आने वाली चुनौतियों पर रोशनी डालेगा, लेकिन इमरान ने जम्मू-कश्मीर का राग अलापना शुरू कर दिया.
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चीन के विदेश मंत्री विशेष अतिथि
चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी अपने पाकिस्तानी समकक्ष के निमंत्रण पर बैठक में विशेष अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे हैं. पाकिस्तान के विदेश विभाग कार्यालय के मुताबिक, बैठक में शांति, सुरक्षा, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक सहयोग सहित विभिन्न मुद्दों पर 100 से अधिक प्रस्तावों पर विचार करते हुए उन्हें स्वीकार किया जायेगा.
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अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
बैठक के एजेंडे में 2020 में नियामे में आयोजित अंतिम सीएफएम बैठक के बाद से मुस्लिम जगत को प्रभावित करने वाले घटनाक्रमों के अलावा पिछले सत्रों में लाये गये प्रस्तावों, विशेष रूप से फिलीस्तीन और अल कुद्स (यरुशलम) से जुड़े प्रस्तावों के कार्यान्वयन के लिए सचिवालय द्वारा उठाये गये कदमों की समीक्षा करना शामिल है. इसके अलावा, इस्लामाबाद में होने वाली सीएफएम बैठक में इस्लामोफोबिया के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने और आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, मानवीय और वैज्ञानिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी.
Posted By: Mithilesh Jha