इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को एक बार फिर गिलगितिया राग अलापा है. भारत के कड़े ऐतराज के बावजूद पिछले महीने पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थाई प्रांत का दर्जा देने पर आमादा दिखाई दे रहे हैं. बुधवार को उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थाई तौर पर प्रांत का दर्जा देने के लिए प्राथमिकता के आधार पर काम करेगी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान गिलगित-बाल्टिस्तान की 14 सदस्यीय कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए विवादित क्षेत्र पहुंचे थे, जिसके बाद उन्होंने उक्त टिप्पणी की. यहां के अंग्रेजी अखबार डॉन की खबर के अनुसार, नई सरकार क्या करेगी ? पहले, हम क्षेत्र को अस्थाई तौर पर प्रांत का दर्जा देने पर काम करेंगे, ताकि (लोगों के बीच) प्रचलित महरूम रखने की भावना को खत्म किया जा सके.
भारत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी और कहा था कि सैन्य ताकत से कब्जा किए गए इलाके के दर्जे में बदलाव का कोई वैध आधार नहीं है. भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख का सारा क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है. भारत ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए इस साल के सितंबर महीने में स्पष्ट रूप से कहा है कि यह इलाका हमारा अभिन्न अंग है और इस पर किसी तरह का निर्णय लेने या इसकी वैधानिक स्थिति बदलने का अधिकार किसी अन्य देश को नहीं है.
गिलगित-बाल्टिस्तान की 23 सदस्यीय विधानसभा के लिए 15 नवंबर को चुनाव हुआ था. एक सीट पर उम्मीदवार की मौत के कारण मतदान टाल दिया गया था. खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल की है. खान ने उम्मीद जाहिर की है कि गिलगित-बाल्टिस्तान की नई हुकूमत नई परंपरा शुरू करेगी और शासन की व्यवस्था को नए मानक प्रदान करेगी.
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Posted By : Vishwat Sen