पाकिस्तान इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. रिपोर्ट्स की माने तो बीते 75 वर्षों में देश के लिए यह सबसे बड़ा आर्थिक संकट है. पाकिस्तान के पास अब डॉलर्स की कमी को पूरा करने के लिए अब इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ही एकमात्र सहारा बचा हुआ है. पाकिस्तान में महंगाई दर ने आज तक के सारे रिकार्ड्स तोड़ दिए हैं. मई के महीने में यहां महंगाई दर 38 प्रतिशत तक पहुंच गयी है. आजादी के बाद यह देश के लिए सबसे ज्यादा है. जानकारी के लिए बता दें पाकिस्तान में साल 1957 से ही महंगाई के आंकड़े रखते जा रहा हैं. वहीं, सामने आयी जानकारी के मुताबिक फूड ग्रेन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से महंगाई दर में वृद्धि हुई है. पाकिस्तान के लिए हालात और भी बुरे हो गए हैं क्योंकि, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड से भी लोन मिलने के सभी रास्ते बंद हो गए हैं.
शहबाज शरीफ ने इंटरनेशनल मोनेटरी फंड से गुहार की थी जिसे खारिज कर दिया गया. शहबाज शरीफ ने लोन के लिए भी अनुरोध किया था जिसे ठुकरा दिया गया है. जानकारों की मानें तो पाकिस्तान के पास एक बार फिर से IMF से गुहार लगाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है. जानकारी के लिए बता दें पाकिस्तान में पिछले साल मई के महीने में महंगाई दर 13.76 प्रतिशत पर रिकॉर्ड की गयी थी लेकिन, अब यह अपने सबसे उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है. पाकिस्तान में शहबाज सरकार ने नये फाइनेंस मिनिस्टर इशाक डार को नियुक्त किया था क्योंकि, उन्हें उम्मीद थी कि डार बढ़ती महंगाई को रोकने में सफल होंगे और IMF से लोन भी दिलवाएंगे. डार इन दोनों ही कामों को करने में बुरी तरह से असफल रहे.
पाकिस्तान के लिए हालात इतने बुरे हो गए हैं कि अब वह सबसे ज्यादा महंगाई की मार झेलने वाला देश बन गया है. पाकिस्तान से पहले श्रीलंका एशिया का सबसे ज्यादा महंगाई दर वाला देश था लेकिन अब पाकिस्तान ने उसे भी ओवरटेक कर दिया है. पाकिस्तान में जहां तेजी से महंगाई बढ़ रही है वहीं, दूसरी तरफ श्रीलंका में अब पिछले 8 महिनों में महंगाई दर काफी तेजी नीचे आ रही है. मई के महीने में श्रीलंका में महंगाई दर 25.2 प्रतिशत दर्ज की गयी जो कि, अप्रैल के महीने में 35.3 प्रतिशत दर्ज की गयी थी. बता दें IMF से लोन के लिए इनकार किये जाने के बाद श्रीलंका की ही तरह पकिस्तान पर भी डिफ़ॉल्ट होने का संकट मंडरा रहा है.