डोभाल की एक ही सॉलिड प्लान के आगे पस्त हुआ पाकिस्तान, अफगानिस्तान के मसले पर खास बैठक बुलाने जा रहे इमरान
फगानिस्तान के मसले पर पाकिस्तान अमेरिका, चीन और रूस के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की बैठक करेगा, जिसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद युसूफ करेंगे.
नई दिल्ली : तालिबानी आतंकवादियों के कब्जे के बाद अफगानिस्तान मसले पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की अगुआई में क्षेत्रीय देशों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की गई. अफगानिस्तान मसले पर एनएसए अजित डोभाल के इस सॉलिड प्लान के बाद तालिबानियों को मदद पहुंचाने वाला पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है. खबर है कि अब इमरान खान भी भारत की तर्ज पर क्षेत्रीय देशों की खास बैठक आयोजित करेंगे.
मीडिया की खबर के अनुसार, अफगानिस्तान के मसले पर पाकिस्तान अमेरिका, चीन और रूस के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की बैठक करेगा, जिसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद युसूफ करेंगे. पाकिस्तान ने इस बैठक का नाम ट्रोइका प्लस दिया है.
पाकिस्तान में अंग्रेजी के प्रमुख अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से आयोजित होने वाली बैठक में अमेरिका, रूस, चीन और पाक के प्रतिनिधि अफगान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से भी मुलाकात करेंगे. पाकिस्तान की इस बैठक में शामिल होने के लिए अफगानिस्तानी विदेश मंत्री मुत्ताकी आज ही 10 नवंबर को इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं.
पाकिस्तान में अफगान मसले पर यह बैठक ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जब भारत ने पहले ही कई देशों के साथ बुधवार को बातचीत की है. भारत ने इस बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया था.
बता दें कि बुधवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की अगुआई में अफगान संकट पर बैठक आयोजित की गई. भारत की ओर से आयोजित आठ देशों की बैठक में बुधवार को अजित डोभाल ने कहा कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम के न केवल उस देश के लोगों के लिए बल्कि उसके पड़ोसियों और क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है. डोभाल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपने भाषण में कहा कि यह अफगान स्थिति पर क्षेत्रीय देशों के बीच करीबी विचार-विमर्श, अधिक सहयोग और समन्वय का समय है.
अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में रूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के सुरक्षा अधिकारी भाग ले रहे हैं. तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद आतंकवाद, कट्टरवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरों का सामना करने में व्यावहारिक सहयोग के लिए एक सामान्य दृष्टिकोण को मजबूत करने के उद्देश्य से भारत वार्ता की मेजबानी कर रहा है.