नई दिल्ली : पाकिस्तान के प्रसिद्ध स्तंभकार नुसरत मिर्जा ने खुलासा किया है कि कांग्रेस के शासनकाल में उन्होंने भारत के कई दौरे के किए. उन्होंने कहा कि इन दौरों के दौरान उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के लिए अहम जानकारियां जुटाईं. उन्होंने अपने दावे में यह भी कहा है कि जिस समय हामिद अंसारी भारत के उपराष्ट्रपति के पद पर आसीन थे, उस समय उन्हें कई बार भारत आने का न्योता दिया गया था.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के प्रसिद्ध स्तंभकार नुसरत मिर्जा ने ऑन कैमरा इस बात को स्वीकार किया है कि अपने भारत दौरे में उन्होंने आईएसआई के लिए जासूसी करने का काम किया है. उन्होंने अपने दावे में यह कहा है कि वह आईएसआई के लिए भारत से अहम जानकारियां जुटाने का काम किया करते थे. भारत से अहम जानकारी जुटाकर वे आईएसआई के अधिकारियों को दिया करते थे.
Pakistani columnist Nusrat Mirza claims after visiting India twice during Congress rule he passed on information collected in New Delhi with Chief of ISI and they worked on the tip-off provided by him. Mentions names of an Indian Journalist and former VP.pic.twitter.com/pda1claubX
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 11, 2022
पेशे से पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शकील चौधरी को दिए एक इंटरव्यू में 2011 में किए गए दौरे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने पांच बार भारत का दौरा किया है. उनके द्वारा ये दौरे 2005 से 2011 के बीच किए गए. इस साक्षात्कार में नुसरत मिर्जा ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का भी नाम लिया है. उन्होंने अपने साक्षात्कार में कहा कि 2010 में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की ओर से दिए गए निमंत्रण पर आतंकवाद पर आयोजित एक सेमिनार में शामिल होने के लिए भारत का दौरा किया था.
नुसरत मिर्जा ने कहा कि भारत का उनका आखिरी दौरा 2011 में हुआ था. इस दौरान उन्होंने भारत में मिल्ली गजट के प्रकाशक जफरूल इस्लाम खान से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि इस आखिरी भारत यात्रा के दौरान उन्हें कई अहम जानकारियां मिली, जिसे उन्होंने आईएसआई को दे दिया.
नुसरत मिर्जा ने बताया कि मुझे भारत यात्रा के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से कई विशेष सहूलियतें मिलती रहीं. आमतौर पर भारत के लिए वीजा आवेदकों को तीन स्थानों की यात्रा की अनुमति मिलती थी. नवंबर 2002 से नवंबर 2007 तक विदेश मंत्री रहे खुर्शीद कसूरी की मदद से मुझे सात शहरों में जाने का वीजा मिला.
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मिर्जा ने दावा किया है कि भारत में उर्दू अखबारों के तमाम संपादक उनके मित्रमंडली में शामिल हैं. उन्होंने खुलासा किया कि आईएसआई में भारतीय नेताओं पर अलग विंग है. वह उनकी कमजोरी जानते हैं, लेकिन अनुभव की कमी के कारण इसका अपने हित में इस्तेमाल नहीं कर पाते.