लाहौर : सरकार की गलत नीतियों की वजह से पिछले कई सालों से कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर है. पाकिस्तान की सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) 24 महीने की रिकॉर्ड हाई पर है. आटा, चावल, तेल, दाल, आलू, टमाटर और हरी सब्जियों के भाव आसमान पर हैं. विपक्ष सरकार की नीतियों के खिलाफ नेशनल असेंबली से लेकर सड़क तक आवाज बुलंद कर रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. उल्टे सार्वजनिक मंचों से वे राजशाही बयान देने में गुरेज नहीं कर रहे हैं. रविवार को उन्होंने पंजाब प्रांत के हाफिजाबाद में आयोजित एक रैली में कहा कि वह आलू-टमाटर बेचने और उनकी कीमतों को काबू में करने के लिए राजनीति में नहीं आए हैं.
पंजाब प्रांत के हाफिजाबाद में एक राजनीतिक रैली में इमरान खान ने कहा कि देश उन तत्वों के विरूद्ध खड़ा होगा जो धनबल के माध्यम से सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उनके कार्यकाल के शेष समय में एक महान राष्ट्र बनने जा रहा है, क्योंकि उनकी सरकार द्वारा घोषित रियायतों के नतीजे शीघ्र ही सामने आएंगे.
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह देश के युवाओं की खातिर राजनीति में आए. ऐसा करके (राजनीति में आकर) उन्हें कोई निजी फायदा नहीं हुआ है, क्योंकि उनके पास पहले से ही जीवन में वह सब कुछ है जिसका एक व्यक्ति सपना देखता है. सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के अध्यक्ष ने कहा कि मैं आलू और टमाटर के दाम जानने राजनीति में नहीं आया. मैं देश के युवाओं की खातिर राजनीति में आया हूं. उन्होंने कहा कि यदि हम महान राष्ट्र बनना चाहते हैं, तो हमें सच का साथ देना होगा. यही वह बात है, जिसकी मैं पिछले 25 साल से सीख दे रहा हूं.
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बताते चलें कि पाकिस्तान की सामान्य महंगाई उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में मापी जाती है और यह 24 महीने के सर्वोच्च स्तर 13 फीसदी पर है और लगभग सभी वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं. पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार ‘डॉन’ के अनुसार, जनवरी 2020 के बाद यह सर्वोच्च सीपीआई मुद्रास्फीति है, जब यह 14.6 फीसदी थी.