कोरोना वायरस से बचाव के लिए विश्व की युवा आबादी को वैक्सीनेट करने के लिए वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर ने एक बड़ा कदम उठाया है. फाइजर ने घोषण की है कि कंपनी ने 12 वर्ष के कम आयु वर्ग के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है. शुरुआत में ट्रायल करने के लिए फाइजर वैक्सीन की कम मात्रा का इस्तेमाल करेगा.
फाइजर का निर्माण फाइजर कंपनी और जर्मनी की एक कंपनी बायोएंटेक ने मिलकर किया है. फिलहाल युनाइटेड सटेट्स, यूरोप और कनाडा में 12-18 वर्ष के किशोरों को यह वैक्सीन दिये जाने का अनुमोदन मिल चुका है. उन्हें व्यस्क लोगों के जितना 30 माइक्रोग्राम का डोज दिया जाएगा.
फाइजर वैक्सीन यूएस, फिनलैंड, पोलैंड और स्पेन में 45000 बच्चों पर 90 मतदान केंद्रों में बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा. ट्रायल से पहले चरण से पहले 144 बच्चों द्वारा उत्तन्न सुरक्षा, सहनशीलता और प्रतिरक्षा प्रक्रिया का अध्ययन किया जाएगा. पांच से 11 वर्ष की बच्चों को 10 माइक्रोग्राम का डोज दिया जाएगा, जबकि 6 महीने से पांच साल के बच्चों को 3 माइक्रोग्राम का डोज दिया जाएगा.
फाइजर कंपनी ने कहा कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीके के परीक्षण के आंकड़े सितंबर की शुरुआत में आ सकते हैं. साथ ही यह भी उम्मीद की जा रही है कि सितंबर महीने में ही बच्चों पर फाइजर वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिल सकती है. उम्मीद की जा रही है 2 से पांच वर्ष की आयु वर्ग के लिए जल्द ही ट्रायल के आंकड़े आ सकते हैं.
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 7 मिलियन किशोरों को पहले ही टीके की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है. भारत में भई 12 साल से ऊपर के बच्चों का टीकाकरण शुरू करने के लिए स्थानीय स्तर पर अपने कोरोना टीकों के निर्माण के लिए फाइजर के साथ भी बातचीत चल रही है.
Also Read: अब ब्रिटेन में भी 12-15 साल के बच्चे होंगे सुरक्षित, Pfizer/BioNTech की वैक्सीन को मिली मंजूरी
Posted By: Pawan Singh