Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच बीते सात महीनों से जारी भीषण युद्ध के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बात की. पीएमओ के मुताबिक अपनी बातचीत में पीएम मोदी ने यूक्रेन और रूस के बीच चल रही लड़ाई पर चर्चा की, साथ ही संघर्ष को जल्द खत्म करने और बातचीत व कूटनीति के जरिए समस्या के समाधान की जरूरत दोहराई. बातचीत में पीएम मोदी ने परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की.
प्रधानमंत्री मोदी ने आज यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे संघर्ष पर चर्चा की।
PM मोदी ने संघर्ष को जल्द खत्म करने, बातचीत और कूटनीति के समस्या के समाधान की जरूरत दोहराई: PMO
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 4, 2022
पीएम मोदी पहले भी कर चुके हैं शांति की अपील: गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी ने दोनों देशों से शांति की अपील ही है. इससे पहले भी पीएम मोदी ने बातचीत और कूटनीति के जरिए समस्या का हल निकालने की बात कह चुके हैं. हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से इतर समरकंद में एक बैठक हुई थी, जिसमें पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि आज का दौर युद्ध का दौर नहीं है. अमेरिका और फ्रांस समेत दुनिया के कई देश पीएम मोदी के इस बयान की सराहना भी कर चुके हैं.
गौरतलब है कि दुनिया के कई देश इस युद्ध की निंदा कर रहे हैं. रूस पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगे हैं. हाल में ही पोप फ्रांसिस ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से युद्ध खत्म करने की अपील की थी. इसके साथ ही, पोप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को भी शांति के लिए गंभीर प्रस्तावों के मिलने पर खुले मने से विचार करने की सलाह दी थी. पोप ने कहा कि यह बड़ी चिंता का विषय है कि यूक्रेन में युद्ध इतना गंभीर, विनाशकारी और खतरनाक हो गया है.
दुनिया भुगतेगी युद्ध का खामियाजा: बता दें, रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग की कीमत दुनिया को उठानी पड़ सकती है. लड़ाई में रूस-यूक्रेन के साथ-साथ दुनिया भी प्रभावित हो रही है. पूरी दुनिया आर्थिक नुकसान को लेकर चिंतित है. ओईसीडी (Organisation for Economic Co-operation and Development) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि रूस यूक्रेन युद्ध की कीमत पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को अगले साल चुकानी पड़ सकती है.