चीन और पाकिस्तान के बांधों के निर्माण के खिलाफ पीओके में जोरदार विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो
PoK Neelum Jhelum River Chinese Dam Protest: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नीलम और झेलम नदियों के ऊपर चीन की मदद से बनाए जा रहे बांध के विरोध में लोग सड़कों पर निकल आए. सोमवार की रात पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में विरोध प्रदर्शन और मशाल रैली बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.
PoK Neelum Jhelum River Chinese Dam Protest: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नीलम और झेलम नदियों के ऊपर चीन की मदद से बनाए जा रहे बांध के विरोध में लोग सड़कों पर निकल आए. सोमवार की रात पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में विरोध प्रदर्शन और मशाल रैली बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. दरिया बचाओ, मुजफ्फराबाद बचाओ के नारे लगा रहे प्रदर्शनकारियों ने ”नीलम-झेलम बहने दो, हमें जिंदा रहने दो” जैसे नारे लगाए.
रैली में मुजफ्फराबाद और पीओके के अन्य हिस्सों से हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया. इसमें चीन विरोध नारे लगाए गए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इन बांधों से पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंच रहा है. डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि नदियों पर कब्जा करके पाकिस्तान और चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन कर रहे हैं.
#WATCH: Protests and torch rally took place in Muzaffarabad city of Pakistan occupied Kashmir (PoK) last night, against the construction of mega-dams that will be built by Chinese firms on Neelum-Jhelum river. pic.twitter.com/aJhGPdfjnw
— ANI (@ANI) August 25, 2020
इससे पहले भी चीन की कंपनियों के खिलाफ पीओके में आक्रोश देखने को मिला था. बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान और चीन ने पीओके में आजादद पट्टन और कोहाला जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे. यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का हिस्सा है. आजाद पत्तन हाइडल पावर प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान की योजना 700 मेगावाट बिजली के उत्पादन की है.
यह बांध एक चाइनीज फर्म द्वारा बनाया जा रहा है और यह बांध परियोजना भी चीन की महत्वकांक्षी परियोजना सीपीईसी का हिस्सा है. इस पावर प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 1.5 अरब डॉलर होगी. भारत ने भी विवादित इलाके में बांध बनाने का विरोध किया है. पीओके के स्थानीय नागरिक भी इस बांध परियोजना का बीते कई दिनों से विरोध कर रहे हैं.
ट्विटर पर हैशटैग #SaveRiversSaveAJK से लगातार लोग ट्वीट करके अपना विरोध जता रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान सरकार से सवाल किया कि आखिर किस कानून के तहत इस विवादित जमीन पर बांध बनाने के लिए चीन और पाकिस्तान में समझौता हुआ है? हालांकि पाकिस्तान की इमरान सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
स्थानीय लोगों को भय है कि चीन द्वारा बांध बनाए जाने के कारण पीओके में भी चीन प्रभाव बढ़ेगा. बता दें कि एलएसी पर चीन के साथ बढ़ती तल्खी से चीन और पाकिस्तान की पुरानी दोस्ती को बल मिला है. चीन भारत को घेरने की नापाक मंशा के साथ पाकिस्तान में बंदरगाहों और डैम के निर्माण कार्य को बढ़ावा दे रहा है
Posted By: Utpal kant