Poland News: पोलैंड में भारतीय स्वाद और संस्कृति का दबदबा, जानें कुछ रोचक तथ्य
पोलैंड यूरोप का एक छोटा सा देश है जो विश्व भर में अपनी कला संस्कृति, महलों की खूबसूरती, ऐतिहासिक धरोहर, पहाड़, झरनों और विरासत के लिए प्रसिद्ध है. भारतीय व्यंजनों को इस देश में विशेष रूप से पसंद किया जाता है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि पोलैंड में भारतीय स्वाद का दबदबा है.
Poland News: पीएम मोदी बुधवार को पोलैंड यात्रा पर निकले हैं. 45 वर्षों के बाद भारत के प्रधानमंत्री का यह पहला पोलैंड दौरा है. पोलैंड यूरोप का एक छोटा सा देश है जो विश्व भर में अपनी कला संस्कृति, महलों की खूबसूरती, ऐतिहासिक धरोहर, पहाड़, झरनों और विरासत के लिए प्रसिद्ध है. यूरोप का यह छोटा सा शहर अपने अंदर तमाम खूबसूरती समेटे हुए हैं. भारतीय व्यंजनों को इस देश में विशेष रूप से पसंद किया जाता है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि पोलैंड में भारतीय स्वाद का दबदबा है.
महलों की सुंदरता के लिए जाना जाता है पोलैंड
पोलैंड में स्थित भारतीय दूतावास किस सूची के अनुसार पोलैंड में 45 से अधिक भारतीय रेस्टोरेंट हैं जिसमें विभिन्न प्रकार की भारतीय व्यंजन परोसे जाते हैं. अकेले पोलैंड की राजधानी वारसॉ में 12 भारतीय रेस्टोरेंट है. पोलैंडवासियों का कहना है कि उन्हें दोष और बटर चिकन जैसे व्यंजन काफी भाते हैं. पोलैंड की राजधानी वर्ष में विश्व भर से लोग घूमने आते हैं क्योंकि यहां कई ऐतिहासिक स्मारक और सुंदर महल है. इसके अलावा विज्ञान पर आधारित यहां कई म्यूजियम है. यहां पर चित्रकार जोजेफ मेहोफर द्वारा बनाया गया स्ट्रेंज गार्डन है जो राजधानी वर्षों में राष्ट्रीय संग्रहालय के संग्रह की सबसे प्रसिद्ध और सबसे प्रिय चित्रों में से एक है. यूनेस्को के धरोहर में शामिल पोलैंड की सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है मालबोर्क. यह शहर अपने यहां के महलों की सुंदरता के लिए जाना जाता है.
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नरेंद्र मोदी ने पोलैंड में कहा कि यह मेरी यात्रा हमारे राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ है. चर्चा है कि पूरे 45 साल के बाद भारत का कोई पीएम पोलैंड आया है. पोलैंड के अलग-अलग हिस्सों से आए तमाम लोगों का मैं आभारी हूं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत और पोलैंड का संबंध काफी पुराना है. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब पोलैंड मुश्किलों से घिरा हुआ था और पोलैंड की हजारों महिलाएं और बच्चे शरण के लिए यहां वहां भटक रहे थे, तब भारत के जाम साहब आगे आए थे और सभी को शरण दिए थे. भारत में जाम साहब को हर कोई गुड महाराज के नाम से जानता है. वहीं गुजरात के भूकंप में जामनगर चपेट में आया था तब पोलैंड ने गुजरात की काफी मदद की थी.
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