काठमांडू : नेपाल में राजनीतिक संकट टलने का नाम नहीं ले रहा है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कुर्सी पर खतरा लगातार मंडरा रहा है. प्रधानमंत्री ओली को पद से हटाने को लेकर विपक्ष एक बार फिर गोलबंद हुआ है. देश में पैदा हुए राजनीतिक संकट का हल निकालने और ओली को पद से हटाने की रणनीति बनाने के लिए शुक्रवार को वहां के विपक्षी दलों ने बैठक की. हालांकि, अभी हाल ही में अग्नि परीक्षा पास होने के बाद प्रधानमंत्री ओली ने दोबारा शक्ति परीक्षण का सामना करने से इनकार कर दिया है.
नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री ओली की सिफारिश पर गुरुवार को देश के राजनीतिक दलों से नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने को कहा था. राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में इस बात का जिक्र किया है कि नई सरकार बनाने का रास्ता साफ करने का फैसला किया गया है. प्रधानमंत्री ओली को यह लगता है कि हालात अब भी 10 मई वाले ही हैं, जब वे प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हार गए थे. ओली को प्रधानमंत्री बने रहने के लिए 30 दिन के अंदर बहुमत साबित करना है.
उधर, नेपाली कांग्रेस (एनसी) के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के घर पर विपक्षी दलों की बैठक लगातार चल रही है. नेपाली कांग्रेस (एनसी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) और जनता समाजवादी पार्टी के उपेंद्र यादव नीत धड़े के शीर्ष नेता बैठक में शामिल हुए हैं. इस बैठक में सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल भी बैठक में शामिल होने के लिए देउबा के घर पहुंचे.
मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, नेपाली कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि वे प्रधानमंत्री ओली को पद से हटाने के सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, क्योंकि वह संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करने में शामिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी भी प्रधानमंत्री ओली के सभी असंवैधानिक कदमों का समर्थन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि इस बारे में विचार चल रहा है कि क्या राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव दाखिल किया जाना चाहिए.
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Posted by : Vishwat Sen