Sri Lanka Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है. उन्होंने रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickramsinghe) को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. रानिल विक्रमसिंघे गुरुवार शाम 6:30 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. रानिल विक्रमसिंघे की पार्टी ने इस बात की पुष्टि की है कि वह फिर से देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.
रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremsinghe) वर्ष 2018-19 में श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. उन्हें अपनी ही पार्टी के दबाव में वर्ष 2019 में इस्तीफा देना पड़ा था. राष्ट्रपति गोटबाया (President Gotabaya Rajapaksha) ने बुधवार को ही ऐलान किया था कि वह नया प्रधानमंत्री नियुक्त करेंगे. ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जायेगा, जिसके पास बहुमत हो. उन्होंने नयी कैबिनेट की नियुक्ति की भी घोषणा की थी.
गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि नफरत फैलाने वाले संदेशों से लोग बचें. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि नये प्रधानमंत्री को लेकर विपक्ष दो धड़ों में बंट गया है. समागी जन बलवेगया (एसजेबी) के नेता सजित प्रेमदासा ने पीएम बनने से इंकार कर दिया. इसके बाद राष्ट्रपति ने रानिल विक्रमसिंघे को पीएम बनाने की घोषणा की.
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रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके भाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का करीबी बताया जाता है. बावजूद इसके रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को स्पष्ट कह दिया कि उनके मंत्रिमंडल में राजपक्षे परिवार का कोई सदस्य नहीं होगा. वह युवा मंत्रिमंडल बनायेंगे.
श्रीलंका के नये प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे वर्ष 1994 से यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के चीफ हैं. चार बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बन चुके हैं. वर्ष 2020 में महिंदा राजपक्षे के पीएम बनने से पहले रानिल विक्रमसिंघे ही श्रीलंका के प्रधानमंत्री थे. उन्हें अपनी ही पार्टी के दबाव में वर्ष 2019 में इस्तीफा देना पड़ा था. पेशे से वकील रानिल विक्रमसिंघे (73) ने 70 के दशक में राजनीति में कदम रखा. वर्ष 1977 में वह पहली बार सांसद चुने गये. वर्ष 1993 में वह पहली बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने. इससे पहले उन्होंने विदेश मंत्री, युवा एवं रोजगार मंत्री समेत कई मंत्रालय संभाले थे.