बाकू : अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच अलगाववादी क्षेत्र नागोरनो-काराबाख को लेकर विवाद के कारण छिड़ी भीषण लड़ाई शनिवार को भी जारी रही. इस बीच, अजरबैजान के राष्ट्रपति ने विवाद का दशकों से समाधन निकालने का प्रयास कर रहे अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों की आलोचना की. विवादित क्षेत्र अजरबैजान की सीमा में आता है, लेकिन यहां पर अर्मेनिया समर्थित जातीय स्थानीय बलों का कब्जा है. इस क्षेत्र पर अधिकार को लेकर 27 सितंबर को लड़ाई शुरू हुई थी.
अल-जजीरा को दिये साक्षात्कार में अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहम अलियेव ने विवादित क्षेत्र में मध्यस्थता करने का प्रयास कर रहे ”ऑर्गेनाइजेशन फॉर सिक्युरिटी ऐंड कॉपरेशन इन यूरोप” के तथाकथित ‘मिन्स्क ग्रुप’ की आलोचना करते हुए कहा कि वर्तमान में जारी लड़ाई का एक कारण यह है कि ”मध्यस्थों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिए दबाव नहीं बनाया.”
उन्होंने कहा, ”अगले 30 वर्ष तक इंतजार करने का वक्त नहीं है, संघर्ष का समाधान अभी निकलना चाहिए.” अर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता शुशान स्टेपनियन ने एपी को बताया, ”पूरे अग्रिम मोर्चे पर भीषण लड़ाई चल रही है.” उन्होंने दावा किया कि अर्मेनिया के बलों ने तीन विमानों को मार गिराया है.
अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने विमानों को मार गिराने के दावे के बारे में कुछ नहीं कहा, हालांकि यह जरूर बताया कि अर्मेनिया के बलों ने टेरटर शहर समेत अजरबैजान के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया है. नागोरनो-काराबाख के अधिकारियों ने कहा कि अब तक उनकी ओर के 150 से अधिक सैनिक मारे गये हैं.
अजरबैजान के अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि कितने सैनिक मारे गये हैं. हालांकि, यह जानकारी दी कि 19 आम आदमी मारे गये हैं और 55 से अधिक लोग घायल हैं. इससे पहले, 1992 में बड़े पैमाने पर युद्ध शुरू हुआ था, जिसमें करीब 30,000 लोग मारे गये थे. युद्ध 1994 में खत्म हुआ था.