इस्लामाबाद : पाकिस्तान के रावलपिंडी में शनिवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ रैली का आयोजन किया है. इस रैली को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भी संबोधित करना है, लेकिन रावलपिंडी में इमरान खान के हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति ही नहीं दी गई है. यह आरोप इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने लगाया है. पीटीआई पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि इस्लामाबाद प्रशासन ने शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ एक विरोध रैली को संबोधित करने के लिए शनिवार को रावलपिंडी के परेड ग्राउंड पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के 26 नवंबर को रावलपिंडी के परेड ग्राउंड में अपने समर्थकों को संबोधित करने का कार्यक्रम है. इमरान खान ने पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया है कि रावलपिंडी में उनकी पार्टी का विरोध पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा. पीटीआई नेता असद उमर ने ट्विटर पर कहा कि इस्लामाबाद प्रशासन ने पार्टी अध्यक्ष इमरान खान के हेलीकॉप्टर को शनिवार को परेड ग्राउंड पर उतरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
पीटीआई की वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिरीन मजारी ने भी रावलपिंडी के परेड ग्राउंड पर खान के हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति नहीं देने के लिए इस्लामाबाद प्रशासन पर निशाना साधा. उन्होंने इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र (आईसीटी) प्रशासन के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि साजिशकर्ताओं के मन में इमरान खान का डर घुस गया है. इस सप्ताह की शुरुआत में पीटीआई ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) में एक याचिका दायर कर इमरान खान के हेलीकॉप्टर को परेड ग्राउंड पर उतरने और उड़ान भरने की अनुमति देने का अनुरोध किया था.
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उधर, पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि उसे इमरान खान के हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति देने संबंधी पीटीआई के अनुरोध पर कोई आपत्ति नहीं है. पाकिस्तान सेना के मुख्यालय की ओर से जारी एक बयान के हवाले से ‘डॉन’ समाचार पत्र ने अपनी खबर में कहा कि अधिकारियों द्वारा मंजूरी के अधीन हेलीकॉप्टर को उतारे जाने संबंधी अनुरोध पर सेना मुख्यालय को कोई आपत्ति नहीं है. बता दें कि इमरान खान (70) तीन नवंबर को पूर्वी शहर वजीराबाद में विरोध मार्च निकालने के दौरान अपने काफिले पर हुए हमले में बाल-बाल बच गए थे. हमला उस समय हुआ था, जब इमरान खान हकीकी आजादी मार्च का नेतृत्व कर रहे थे, जिसका समापन राजधानी इस्लामाबाद में होना था.