क्वाड नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर जताई गहरी चिंता, कहा- बातचीत और कूटनीति से सुलझे विवाद

प्रधानमंत्री ने क्वाड के रचनात्मक एजेंडे को मजबूत करने और क्षेत्र के लिए ठोस परिणाम देने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने 2024 में होने वाले ग्रुप के अगले शिखर सम्मेलन के लिए क्वाड नेताओं को भारत आमंत्रित किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2023 7:30 AM

Quad Summit 2023: क्वाड देशों के नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध के अशुभ और दुखद मानवीय परिणामों पर गहरी चिंता जताई तथा बातचीत और कूटनीति के जरिये इस संघर्ष को समाप्त करने की अपील की. क्वाड नेताओं ने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं होना चाहिए. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी यही बात इससे पहले कह चुके हैं. मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden), जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज (Anthony Albanese) ने हिरोशिमा में, चार देशों के ग्रुप क्वाड केएनुअल समिट में यूक्रेन की स्थिति के साथ-साथ अन्य ग्लोबल चैलेंजेस पर चर्चा की। शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में, मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को ग्लोबल बिजनेस, इनोवेशन और डेवलपमेंट का इंजन बताया और कहा कि इसकी सफलता और सिक्योरिटी पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है.

क्वाड नेताओं ने ज्वाइंट बयान किया जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड के रचनात्मक एजेंडे को मजबूत करने और क्षेत्र के लिए ठोस परिणाम देने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने 2024 में होने वाले ग्रुप के अगले शिखर सम्मेलन के लिए क्वाड नेताओं को भारत आमंत्रित किया. क्वाड नेताओं ने एक ज्वाइंट बयान जारी किया, जिसमें यूक्रेन संकट, पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए उनके पहुंच को शामिल किया गया. क्वाड नेताओं ने कहा कि वे इंटरनेशनल लॉ के पालन, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के सम्मान के लिए खड़े हैं. नेताओं ने कहा- इस संदर्भ में, आज हम यूक्रेन में जारी युद्ध पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं और इसके भयानक एवं दुखद मानवीय परिणामों पर शोक व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा- हम खाद्य, ईंधन और ऊर्जा सुरक्षा तथा महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं सहित ग्लोबल इकनोमिक सिस्टम पर इसके गंभीर प्रभावों को पहचानते हैं. हम यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे.

हमारा युग युद्ध का युग नहीं होना चाहिए

बयान में कहा गया- यह जानते हुए कि हमारा युग युद्ध का (युग) नहीं होना चाहिए, हम बातचीत और कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम यूनाइटेड नेशंस चार्टर के अनुरूप एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति का समर्थन करते हैं. क्वाड नेताओं के इस बयान में प्रधानमंत्री मोदी के रुख की प्रतिध्वनि दिखी. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर पिछले साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था- यह युग युद्ध का नहीं है. मोदी की इस टिप्पणी के लिए दुनियाभर के नेताओं ने उनकी प्रशंसा की थी. बयान के अनुसार क्वाड अपने क्षेत्रीय भागीदारों के साथ व्यापक रूप से और निरंतर काम करेगा ताकि आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ से उत्पन्न खतरों पर अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप लगाम लगाई जा सके और उनका जवाब देने की क्षमता को मजबूत किया जा सके.

एक साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध

बयान में कहा गया है- हम इस तरह के आतंकवादी हमलों के अपराधियों की जवाबदेही तय करने के लिए एक साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हम मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों और पठानकोट आतंकी हमले की एक बार फिर कड़ी निंदा करते हैं और यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की 1,267 प्रतिबंध समिति के अनुसार उचित प्रतिबंध लगाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. मार्च 2023 में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान घोषित आतंकवाद विरोधी नए कार्य समूह के माध्यम से हम अपने सहयोग को मजबूत करेंगे. क्वाड नेताओं ने एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की, जो समावेशी हो. उन्होंने कहा- हम ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जहां किसी देश का दबदबा न हो.

आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ की स्पष्ट रूप से निंदा

क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की. क्षेत्र में चीनी सेना की आक्रामक गतिविधियों के बीच, क्वाड नेताओं ने कहा- हम अस्थिरता या एकतरफा गतिविधियों का कड़ा विरोध करते हैं, जिनमें यथास्थिति को जबरन बदलने की कोशिश की जाती हो. नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के महत्व पर भी जोर दिया, विशेष रूप से जैसा कि समुद्री कानून से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संधि में परिलक्षित होता है, उन्होंने सभी तरह के आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ की स्पष्ट रूप से निंदा की.

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