Queen Elizabeth Death: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके राजमुकुट में लगे कोहिनूर के हीरे को वापस भारत लाने की मांग फिर से होने लगी है. महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद ट्विटर पर कई लोगों ने यह मांग उठाई है कि कोहिनूर हीरा को वापस भारत लाया जाना चाहिए. बता दें कि ब्रिटिश म्यूजियम कई बेशकीमती चीजों से भरा पड़ा है. दरअसल, ब्रिटेन ने कई बेशकीमती चीजों को अपने कब्जे में ले लिया था, जो या तो उनके औपनिवेशिक शासन के दौरान अन्य देशों से छीन ली गईं या लूट ली गईं थी. यहां उन कुछ वस्तुओं की सूची दी गई है.
बता दें कि ब्रिटेन के शाही ताज में कोहिनूर के अलावा और भी कई बेशकीमती और दुर्लभ हीरे, जवाहरात जड़े हुए हैं. पंजाब पर ब्रिटिशों के कब्जे के बाद 1849 में इस हीरे को ब्रिटेन की तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को सौंप दिया गया था. बाद में इस कोहिनूर को शाही ताज में जड़वा दिया गया था. कोहिनूर हीरा 105.6 कैरेट का का है. इसे दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाता है. सवाल बना हुआ है कि महारानी के निधन के बाद कोहिनूर हीरे का क्या होगा और उसे किसे सौंपा जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महारानी के निधन के बाद ब्रिटेन के राजा बन चुके किंग चार्ल्स तृतीय की पत्नी डचेज ऑफ कॉर्नवेल कैमिला को कोहिनूर सौंप दिया जाएगा. डचेज ऑफ कॉर्नवेल को अब क्वीन कंसोर्ट के नाम से जाना जाएगा. दरअसल, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने इस साल की शुरुआत में ऐलान किया था कि कैमिला को क्वीन कंसोर्ट के नाम से जाना जाएगा.
महारानी के ताज में दुनिया के कई दुर्लभ और बेशकीमती हीरे और जवाहरात जड़े हुए हैं, जिनमें कोहिनूर और अफ्रीका का बेशकीमती हीरा ग्रेट स्टार ऑफ अफ्रीका भी है. इसकी कीमत अनुमानित रूप से 40 करोड़ डॉलर आंकी गई है. अफ्रीका का बेशकीमती हीरा दुनिया का सबसे बड़ा डायमंड है और इसका वजन लगभग 530 कैरेट है. इसकी कीमत करीब 400 मिलियन अमरीकी डालर के मूल्य का अनुमान लगाया गया था. ग्रेट स्टार ऑफ अफ्रीका का 1905 में खनन किया गया था. अफ्रीका के कई इतिहासकारों के अनुसार, इसका खनन 1905 में किया गया था और एडवर्ड सप्तम को प्रस्तुत किया गया था और उनका दावा है कि हीरा चोरी हो गया था या ब्रिटिश सरकार द्वारा उपनिवेशवादियों के रूप में उनके शासनकाल के दौरान लूटा गया. अफ्रीका का बेशकीमती हीरा वर्तमान में रानी के पास है.
1799 में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई हारने के बाद टीपू सुल्तान की अंगूठी कथित तौर पर उनके मारे गए शरीर से ले ली गई थी. कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अंगूठी को ब्रिटेन में एक नीलामी में एक अज्ञात बोली लगाने वाले को लगभग 1,45,000 ब्रिटिश पाउंड में बेचा गया था.
कोहिनूर को भारत वापस लाने के आह्वान के बीच, मिस्र के कार्यकर्ता और पुरातत्वविद रोसेटा स्टोन को उसकी मातृभूमि यानी मिस्र में वापस लाना चाहते हैं. रोसेटा स्टोन वर्तमान में ब्रिटिश संग्रहालय में मौजूद है. कई मीडिया रिर्पोट्स के अनुसार, पुरातत्वविदों का दावा है कि वे यह साबित कर सकते हैं कि रोसेटा स्टोन ब्रिटेन द्वारा चोरी किया गया था. रोसेटा स्टोन 196 ईसा पूर्व का है और इतिहासकारों के अनुसार, 1800 के दशक में फ्रांस के खिलाफ लड़ाई जीतने के बाद प्रसिद्ध पत्थर ब्रिटेन द्वारा अधिग्रहित किया गया था.
इतिहास में कई मीडिया रिपोर्टों और अभिलेखागार के अनुसार, 1803 में लार्ड एल्ग्रीनिन ने कथित तौर पर ग्रीस में पार्थेनन की सड़ती दीवारों से पत्थरों को हटा दिया और उन्हें लंदन ले जाया गया. यही कारण है कि उन कीमती पत्थरों को एल्गिन मार्बल्स कहा जाता है. 1925 से, ग्रीस अपना अमूल्य कब्जा मांग रहा है, लेकिन मार्बल्स ब्रिटिश संग्रहालय में बने हुए हैं.
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