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रेटिंग एजेंसी फिच का दावा- कोरोना वायरस संकट के बावजूद अमेरिका की ट्रिपल ‘ए’ रेटिंग बरकरार

रेटिंग संस्था फिच ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी और सिर पर मंडराते मंदी के खतरे के बावजूद देश की वित्तीय साख (क्रेडिट रेटिंग) को ट्रिपल ‘ए' के स्तर पर बरकरार रखा है.

By AvinishKumar Mishra | March 27, 2020 12:57 PM
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वाशिंगटन : रेटिंग संस्था फिच ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी और सिर पर मंडराते मंदी के खतरे के बावजूद देश की वित्तीय साख (क्रेडिट रेटिंग) को ट्रिपल ‘ए’ के स्तर पर बरकरार रखा है.

फिच ने कहा ‘अमेरिका की वित्तीय साख का यह स्तर उसकी अर्थव्यवस्था की बुनियादी मजबूती के चलते है. अमेरिका की व्यवस्था बड़ी,प्रति व्यक्ति आय ऊंची और व्यावसायकि वातावरण गतिशील है.’ यह रेटिंग ऐसे समय में जारी की गई है जब श्रम मंत्रालय ने 21 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में 33 लाख लोगों के बेरोजगार होने की जानकारी दी.

फिच ने अनुमान जताया है कि अमेरिका की जीडीपी इस साल तीन प्रतिशत तक घट जाएगी जो 2009 के वैश्विक आर्थिक संकट से भी ज्यादा खराब है.हालांकि यह भी अनुमान जताया कि अगर वायरस के प्रसार को रोक लिया जाता है तो यह जीडीपी 2021 में सुधर भी सकती है.

ट्रिपल ए रेटिंग क्या होता है– ट्रिपल ए (AAA)सबसे अच्छी क्रेडिट रेटिंग मानी जाती है . यह रेटिंग दिखाती है कि इस प्रतिभूति के साथ डिफॉल्ट का जोखिम बेहद कम है.

रेटिंग घटने का मतलब यह है कि जिस कंपनी ने बॉन्ड/डेट इंस्ट्रूमेंट जारी किया है, उसके लिए कारोबारी स्थितियां बिगड़ गई हैं. इनमें इस हद तक दिक्कतें पैदा हो गई हैं कि कंपनी के लिए समय से ब्याज और निवेशकों से जुटाई गई रकम का भुगतान करना मुश्किल होगा.

अमेरिका में 82179 मरीज– इस बीमारी से अब तक अमेरिका में 82179 लगो संक्रमित हो चुके हैं. इससे निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने चीन से सहायता मांगी है.

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