Red Sea Crisis : लाल सागर में अमेरिकी नौसेना के एक युद्धपोत से बहुत बड़ी गलती हो गई है. उसने अपने ही एफ/ए-18 लड़ाकू विमान को मार गिराया. इसमें दो पायलट सवार थे. हालांकि दोनों पायलट सुरक्षित बच गए. एक पायलट को मामूली चोट पहुंची. इस क्षेत्र में अमेरिकी और यूरोपीय मिलिट्री एलाइंस के गश्त के बावजूद हूती विद्रोही लगातार हमला कर रहे हैं. इस वजह से लाल सागर कॉरिडोर खतरनाक हो गया है.
अमेरिकी नौसेना के द्वारा लड़ाकू विमान को मार गिराने की यह घटना उस वक्त हुई, जब अमेरिकी सेना ने यमन के हूती विद्रोहियों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए. अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने अभी तक यह नहीं बताया कि यह चूक किस मिशन के दौरान हुई. सेंट्रल कमांड ने पूरे घटनाक्रम पर एक बयान जारी किया है. इसमें कहा गया, ‘‘ युद्धपोत ने ‘एफ/ए-18’ पर गलती से गोलाबारी की. उसे मार गिराया. ‘एफ/ए-18’ ‘यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन’ से उड़ान भर रहा था.’’
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लाल सागर कहां है?
लाल सागर अफ्रीका और एशिया के बीच हिंद महासागर का इंट्री गेट है. यह दुनिया के खारे जल निकाय में से एक है. कारोबार की दृष्टि से यह रूट खास महत्व रखता है.
लाल सागर की सीमा से कौन से देश लगते हैं?
लाल सागर के सीमावर्ती देश के नाम मिस्र, सऊदी अरब, यमन, सूडान, इरिट्रिया और जिबूती हैं.
हूती विद्रोही कौन हैं?
हूती यमन का एक शिया मिलिशिया ग्रुप है. इस विद्रोही ग्रुप का गठन 1990 में हुसैन अल हूती ने किया था.
लाल सागर में तनाव का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर यमन के हूती विद्रोही के लगातार हमले हो रहे हैं. इससे भारत के इंपॉर्टेंट ट्रेड रूट को खतरे में डाल दिया है. भारत सहित अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है. हमलों ने उस प्रमुख समुद्री मार्ग को बाधित कर दिया है, जिससे होकर जहाज एशिया से यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और अमेरिका के पूर्वी तट तक जरूरी सामान का ट्रांसपोर्टेशन होता है.