आरती श्रीवास्तव
अब गुस्सा आने पर दूसरों पर भड़ास निकालने या अकेले में बैठ रोने की आवश्यकता नहीं है, एक कागज के टुकड़े लिख डालिए अपनी भावनाएं और फाड़ कर फेंक दीजिए उसे.
क्रोध आना स्वाभाविक सी बात है. हर किसी को कभी न कभी, किसी न किसी बात पर क्रोध आता ही है. यह अलग बात है कि किसी को अधिक आता है, तो किसी को कम. आज की भागमभाग भरी दुनिया में चैन के पल कम और तनाव अधिक हैं, ऐसे में अधिकतर लोग चिड़चिड़े और गुस्सैल होते जा रहे हैं, जो न तो हेल्थ के लिए अच्छा है न ही हमारे प्रोफेशनल या पर्सनल रिलेशन के लिए. पर आखिर कोई करे तो करे क्या, anger management हर किसी के वश की बात तो नहीं. पर अब वैज्ञानिकों ने इसका हल ढूंढ निकाला है. आइए जानते हैं, आखिर किस तरह हम अपने क्रोध को काबू में रख सकते हैं.
सिंपल व इफेक्टिव मेथड से भगायें एंगर
जापान के एक रिसर्च ग्रुप ने गुस्से की भावना को कम करने में मदद करने के लिए एक सरल, पर प्रभावी उपाय की खोज की है. इस रिसर्च ग्रुप की मानें, तो किसी नकारात्मक घटना पर क्रोध आने पर हमें अपनी प्रतिक्रिया देने की बजाय उसे कागज पर लिखने और फिर उसे टुकड़े-टुकड़े कर फेंक देने से हमारा गुस्सा कम हो सकता है. यह रिसर्च महत्वपूर्ण है, क्योंकि घर और कार्यस्थल पर क्रोध को नियंत्रित करने से हमारी नौकरियों और व्यक्तिगत जीवन में नकारात्मक परिणामों को कम किया जा सकता है. इस अध्ययन के निष्कर्ष हाल ही में साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुए हैं. अभी जो नतीजे प्रकाशित हुए हैं, वे लिखे हुए शब्द और क्रोध में कमी के बीच के संबंध पर बीते कई वर्षों से हो रहे रिसर्च की परिणति हैं. यह रिसर्च उस कार्य पर आधारित है जिसमें दिखाया गया है कि physical objects के साथ बातचीत करना किसी व्यक्ति के मूड को कैसे नियंत्रित कर सकता है. हालांकि गुस्से को कम करने या दूर करने के लिए पहले से अनेक anger management technique मौजूद हैं, जिसे विशेषज्ञों द्वारा अपनाने की सलाह दी जाती है. पर दुर्भाग्य से ऐसी कई टेक्निक में इंपीरिकल रिसर्च (वैसे अध्ययन जिसके निष्कर्ष विशेष रूप से ठोस, सत्यापन योग्य साक्ष्य से प्राप्त होते हैं) सपोर्ट की कमी स्पष्ट झलकती है.
निष्कर्ष से वैज्ञानिक भी हैरान
इस रिपोर्ट के प्रमुख लेखक नोबुयुकी कवाई का कहना है कि उन्होंने उम्मीद की थी कि उनका तरीका क्रोध्र को कुछ हद तक दबायेगा. पर क्रोध को पूरी तरह खत्म होते देख वे हैरान रह गये. कवाई नागोया यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ इनफॉर्मेटिक्स में कॉग्निटिव साइंस के प्रोफेसर हैं. इस रिसर्च में कवाई की ग्रेजुएट स्टूडेट युता कनाया भी उनके साथ थीं.
जापानी परंपरा हकीदाशिसार से समानता
क्रोध कम करने के लिए जापानी वैज्ञानिकों ने जिस प्रक्रिया को खोजा है, वह जापानी सांस्कृतिक परंपरा ‘हकीदाशिसार’ से मिलती-जुलती है. इस परंपरा में लोग एक प्लेट पर अपने नकारात्मक विचार लिखते हैं और फिर उसे नष्ट कर देते हैं. हकीदाशिसार जापान का एक वार्षिक त्यौहार है जहां लोग उन चीजों का प्रतिनिधित्व करने वाली छोटी डिस्क तोड़ते हैं जो उन्हें गुस्सा दिलाती हैं. हकीदाशिसार दो शब्दों- हकीदाशी और सारा- से मिलकर बना है, जहां हकीदाशी किसी चीज को शुद्ध करने या थूकने को, वहीं सारा एक पकवान या प्लेट को संदर्भित करता है. इस परंपरा का उत्पत्ति स्थल जापान के आइची प्रांत के शहर कियोसु के हियोशी मंदिर को माना जाता है.