ऋषि सुनक: 210 साल बाद ब्रिटेन को मिला सबसे युवा PM, ऐसे आया सुनक के जीवन में यूटर्न
ऋषि सुनक सबसे कम उम्र के ब्रिटिश पीएम बन गये हैं. सुनक बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर डाउनिंग स्ट्रीट के अपने आवास पर दिवाली पर दीए जलाए थे. वह शराब का सेवन नहीं करते हैं. सुनक स्टार वार के प्रशंसक हैं और बड़े होकर जेडी नाइट बनना चाहते थे.
जिस देश ने भारत को करीब 200 सालों तक गुलाम बनाए रखा था, आज एक भारतवंशी उस देश का शासक बन गया है. जी हां, भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं. ऑक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे दुनिया के नामचीन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा हासिल करने वाले ऋषि सुनक ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं. निवेश बैंक से राजनीति में आए 42 वर्षीय सुनक ब्रिटेन के 210 साल के इतिहास के सबसे युवा ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं.
कहां हुआ था सुनक का जन्म: 42 वर्षीय सुनक का जन्म ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में एक भारतीय परिवार के यहां हुआ था. उनके दादा-दादी का ताल्लुक पंजाब से था. – फार्मेसिस्ट मां और डॉक्टर पिता के बेटे सुनक ने इंग्लैंड के सबसे प्रसिद्ध स्कूलों में से एक ‘विनचेस्टर’ से पढ़ाई की है. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय गए. उन्होंने ‘गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक’ में काम किया और बाद में अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए किया. यहीं उनकी मुलाकात अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति से हुई, जो इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं.
2009 में की अक्षता से शादी: सुनक ने ‘हेज फंड’ (जमा निवेश फंड) प्रबंधक क्रिस होन के‘ टीसीआई फंड मैनेजमेंट’ में लगभग तीन वर्षों तक काम किया और फिर पैट्रिक डीगॉर्स के ‘हेज फंड’ ‘थेलेम पार्टनर्स’ में काम करने लगे. – उन्होंने अक्षता से 2009 में शादी की और दंपति की दो बेटियां हैं, जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं. – सुनक 2015 में रिचमंड, यॉर्कशायर से संसद सदस्य बने. – उन्होंने संसद में भगवद् गीता पर सांसद के रूप में शपथ ली. – फरवरी 2020 में उन्हें ब्रिटेन के कैबिनेट के सबसे महत्वपूर्ण पद, ‘ चांसलर ऑफ एक्सचेकर’ यानी वित्त मंत्री नियुक्त किया गया.
जॉनसन सरकार में थे वित्त मंत्री: बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने डाउनिंग स्ट्रीट के अपने आवास पर दिवाली पर दीए जलाए. वह शराब का सेवन नहीं करते हैं. – सुनक स्टार वार के प्रशंसक हैं और बड़े होकर जेडी नाइट बनना चाहते थे. – वह अक्सर अपनी विरासत के बारे में बात करते हैं और बताते हैं कि कैसे उनके परिवार ने उन्हें मूल्यों और संस्कृति के बारे में याद दिलाया. – जब बोरिस जॉनसन ने कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया, तो सुनक ने लाखों नौकरियां बचाने के लिए एक व्यापक राहत पैकेज तैयार किया.
पार्टीगेट कांड में आया था नाम: जॉनसन के करीबी माने जाने वाले सुनक अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में पूर्व प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व से ठीक विपरीत शख्सियत प्रतीत होते रहे. – सुनक के जब सितारे चमक रहे थे तब ब्रिटेन की पत्रिकाएं उन्हें ‘डिशी ऋषि’ यानी ‘आकर्षक ऋषि’ कहते थे. मगर उनकी पत्नी अक्षता की कर स्थिति और दौलत के साथ-साथ ‘पार्टीगेट’ कांड में उनका नाम आने और लाखों लोगों के लिए कर बढ़ाने के सुनक के कदम की कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा आलोचना ने उनकी स्थिति बदली और उन्हें ‘फिशी ऋषि’ यानी ‘संदिग्ध ऋषि’ कहा जाने लगा.
सुनक दंपति की वित्तीय स्थिति हाल ही में जांच के दायरे में तब आई, जब यह पता चला कि अक्षता अब भी भारतीय नागरिक हैं और उनकी ब्रिटेन में गैर-अधिवासित स्थिति है. इस वजह से उन्हें विदेशी कमाई पर यहां कर नहीं देना पड़ता है और वह भारत वापस जाने की योजना बना रही हैं. अक्षता के गैर-अधिवासी होने की वजह से वह इंफोसिस के शेयर से मिलने वाले लाभांश पर लगभग दो करोड़ पाउंड का कर बचा पाईं.
कई मोर्चों पर झेलनी पड़ी आलोचना: इस साल प्रधानमंत्री पद के लिए प्रचार के दौरान सुनक को कई मोर्चों पर आलोचना का सामना करना पड़ा, जिनमें आलीशान घर, महंगे कपड़े और जूते शामिल थे. – सुनक की कुल संपत्ति 70 करोड़ पाउंड की है. यॉर्कशायर में एक आलीशान बंगले के अलावा, सुनक और उनकी पत्नी अक्षता के पास मध्य लंदन के केंसिंग्टन में और एक संपत्ति है.
सुनक के सामने होंगी ये चुनौतियां: ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था परेशानी का सामना कर रही है. महंगाई उच्च स्तर पर है तथा ब्याज दर बढ़ रही है. यूक्रेन के युद्ध ने इस साल दूसरी बार ऊर्जा पर होने वाले खर्च को बढ़ा दिया. मुद्रा बाजार में स्टर्लिंग (ब्रिटेन में प्रचलित मुद्रा) कमजोर दिख रहा है. सुनक का पहला काम ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, क्योंकि निवर्तमान नेता लिज़ ट्रस की बिना कोष मुहैया कराए कर कटौती की योजना और महंगी ऊर्जा मूल्य गारंटी ने बांड बाजार को हिला दिया था. – 31 अक्टूबर को बजट पेश करना है जिसमें बजट घाटा और खर्चों में कटौती के मुद्दों से निपटना है.