क्या छिड़ने वाला है तीसरा विश्वयुद्ध! नाटो के 30 हजार सैनिक यहां कर रहे हैं सैन्य अभ्यास
Russia-Ukraine War: नार्वे में नाटो की सेना का जोरदार शक्ति प्रदर्शन चल रहा है. इस सैन्य रिहर्सल में नाटो के 30 हजार सैनिकों के अलावा, जंगी जहाज और 200 से ज्यादा फाइटर प्लेन हिस्सा ले रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या नाटों रूस के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन ले सकता है.
Russia-Ukraine War: रूस यूक्रेन के बीच छिड़े जंग का आज 29वां दिन है. करीब एक महीने से जारी लड़ाई का अबतक कोई नतीजा नही निकल सका है. इस जंग जद से थोड़ी दूर रूस की ही सीमा के पास एक और तस्वीर सामने आ रही है जो कई आशंकाओं को जन्म दे रही है. दरअसल, रूस बॉर्डर पर ही नाटो की सेना के 30 हजार सैनिक युद्ध का रिहर्सल कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या नाटो रूस के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन ले सकता है. क्या इस कदम से छिड़ जाएगा तीसरा विश्व युद्ध.
नार्वे में नाटों की सेना का जोरदार शक्ति प्रदर्शन चल रहा है. इस सैन्य रिहर्सल में नाटो के 30 हजार सैनिकों के अलावा, जंगी जहाज और 200 से ज्यादा फाइटर प्लेन हिस्सा ले रहे हैं. इसके अलावा इस युद्धाभ्यास में नाटो की परमाणु पनडुब्बी को भी शामिल किया गया है. जाहिर है रूस के खिलाफ यह नाटो का सीधा संदेश है कि अगर वो अपना दायरा लांघता है तो नाटो की सेना उसे भी माकूल जवाब देने के लिए तैयार खड़ी है. ऐसे में क्या इस बात की संभावना है कि एक बार फिर दुनिया के देशों में बड़ी लड़ाई छिड़ सकता है.
नार्वे में रिहर्सल कर रहे 30 हजार सैनिक नाटो के 28 यूरोपीय देशों और अमेरिका के हैं. कुछ दिन पहले यह अभ्यास शुरू हुआ है, और 30 हजार सैनिक एक महीने तक अभ्यास करेंगे. जिस जमीन पर नाटो की सेना युद्धाभ्यास कर रही है नार्वे की की वह जमीनी सीमा रूस से लगती है. पानी और जमीन में लड़ाई के अभ्यास में ये सैनिक इसका भी अभ्यास कर रहे हैं कि शून्य से कम तापमान पर युद्ध कैसे लड़ा जाए.
हालांकि, नाटो का कहना है कि रूस को इस युद्धाभ्यास की सूचना दे दी गई है. नाटो ने कहा कि हमारा मकसद किसी को गलतफहमी में नहीं रखना है. नाटो का कहना है कि हर साल नाटो की सेना ऐसा अभ्यास करती है. इस अभ्यास का मतलब अपनी शक्ति प्रदर्शन करना नहीं हैं. इधर, बात करें रूस यूक्रेन युद्ध की तो यूक्रेन पर रूस का हमला जारी है. बीते दिन कीव में रूसी फौज ने जोरदार हमला बोला. रूसी सेना की बमबारी में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयी हैं.
वहीं, चेर्नोबिल परमाणु पावर प्लांट पर कब्जा किये रूसी सेना ने यहां की एक प्रयोगशाला को तबाह कर दिया है. यूक्रेनी अधिकारियों ने दावा किया कि रूसी सैनिकों ने पहले प्रयोगशाला को लूटा और फिर उसे तबाह कर दिया. यूरोपीय आयोग के समर्थन से छह अरब यूरो की लागत से यह प्रयोगशाला बनी थी. यहां ऐसे बेहद महत्वपूर्ण उपकरण रखे गये थे, जो यूरोप में कहीं और नहीं हैं.
एक लाख लोगों को नहीं मिल रहा खाना-पानी
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि रूसी सैन्य बलों ने जरूरी सामान लेकर मारिया पोल पहुंचने की कोशिश कर रहे एक मानवीय काफिले को न केवल रोका, बल्कि कुछ बचावकर्मियों और बस चालकों को बंदी भी बना लिया. जेलेंस्की ने बताया कि शहर में लगभग 1,00,000 लोग अब भी अमानवीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर हैं. उन्हें दवा और भोजन-पानी नहीं मिल पा रहा है.
Posted by: Pritish Sahay