Putin Arrest Warrant: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ कुछ दिनों पहले इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने अरेस्ट वॉरंट जारी किया था. आईसीसी ने अपने बयान में कहा कि पुतिन और मारिया के खिलाफ ये अरेस्ट वॉरंट वार क्राइम के जुर्म में जारी किया गया है. हालांकि, इसको लेकर अब सवाल उठ रहे है कि पुतिन को कैसे गिरफ्तार किया जाएगा?
रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर यूक्रेन के बच्चों को अवैध रूप से जबरन रूस में ले जाने का आरोप भी लगा है. आईसीसी ने व्लादिमीर पुतिन पर बच्चों के निर्वासन में शामिल होने का आरोप लगाया है. वहीं, रूस ने बीते वर्ष फरवरी महीने में किए गए हमले के दौरान अत्याचार के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वो आईसीसी के फैसले को अहमियत नहीं देता है. ऐसे में अब सवाल उठ रहे है कि पुतिन को किन देशों में गिरफ्तार किया जा सकता है और क्या पुतिन के खिलाफ इन आरोपों के तहत मुकदमा चल पाएगा?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीसी का कहना है कि व्लादिमीर पुतिन और मारिया के खिलाफ वार क्राइम को लेकर पर्याप्त सबूत इकट्ठे हो गए हैं. हालांकि, आईसीसी ने इस बाबत विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया है. लेकिन, ह्यूमन राइट्स वॉच से जुड़ी रेचेल डेनवर का मानना है, आईसीसी ने युद्ध अपराधों से जुड़े बहुत सारे सबूत जमा किए हैं और अदालत को सौंपे हैं. इसमें कई मामले मोबाइल फोन या फिर कैमरों पर रिकॉर्ड किए गए हैं. बीबीसी की इसी रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल लॉ के प्रोफेसर गैरी सिंपसन का कहना है कि ये रास्ता लंबा और पेचीदा है. जहां तक गिरफ्तारी की सवाल है तो उसमें कुछ खास नहीं हो सकता. क्योंकि, उन्हें गिरफ्तार कौन करेगा? रूस के लोग तो करेंगे नहीं और यह तभी संभव है, जब रूस ये युद्ध हार जाए और उस पर दूसरे देश का कब्जा हो जाए. अगर पुतिन किसी ऐसे देश में जाते हैं जिसने इंटरनेशनल कोर्ट के समझौते पर हस्ताक्षर किए हो तो ऐसे में वे देश कानूनी तौर पर पुतिन को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य होगा.
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, दुनिया के 123 देश इसके सदस्य हैं. इनमें 33 अफ्रीकी, 19 एशियाई, 19 पूर्वी यूरोपीय, 28 लैटिन अमेरिकी और कैरिबियाई और 25 पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देश हैं. आईसीसी के सदस्य देशों में अर्जेंटना, ऑस्ट्रिया, बांग्लादेश, बेल्जियम, कनाडा, कॉन्गो, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, जापान, केन्या, लक्ज बर्ग, मालदीव्स, न्यूजीलैंड, नीदरलैंड्स, पोलैंड, पुर्तगाल, साउथ कोरिया, स्वीडन, स्पेन, ताजिकिस्तान, यूके और वेनेजुएला जैसे देश शामिल हैं.
आईसीसी ने भले ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी कर दिया हो, लेकिन उनपर मुकदमा तब तक नहीं किया जा सकता जब तक उन्हें हिरासत में न लिया जाए या फिर पुतिन फिजिकली मौजूद न हों. दूसरा यह भी है कि ये केस इसलिए चलाना मुश्किल है, क्योंकि रूस आईसीसी का सदस्य है ही नहीं और इसी वजह से वह पुतिन के अरेस्ट वॉरंट को तवज्जो नहीं दे रहा है.