Russia Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी, जानिए गिरफ्तारी को लेकर कहां फंसा पेच
Russia Ukraine War: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूस के बाल अधिकार आयुक्त मारिया अलेक्सेयेवना लवोवा-बेलोवा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. पुतिन और मारिया के खिलाफ ये अरेस्ट वारंट वॉर क्राइम के जुर्म में जारी किया गया है.
Russia Ukraine War: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूस के बाल अधिकार आयुक्त मारिया अलेक्सेयेवना लवोवा-बेलोवा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) के इस फैसले के बाद यूक्रेन पर रूसी सैनिकों की ओर से व्यापक हमला जारी है. आईसीसी ने बयान जारी कर बताया कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन और रूस के बाल अधिकार आयुक्त के खिलाफ ये अरेस्ट वारंट वॉर क्राइम के जुर्म में जारी किया गया है.
जानिए पुतिन पर क्या हैं आरोप?
आईसीसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पुतिन को 24 फरवरी, 2022 से यूक्रेन में वॉर क्राइम के लिए जिम्मेदार ठहराया है. उनपर यूक्रेनी बच्चों को गैरकानूनी और अवैध तरीके से जबरदस्ती रूस ले जाने का आरोप है. कोर्ट ने कहा कि इस बात को मानने के लिए उचित आधार हैं कि पुतिन इन आपराधिक कृत्यों के लिए जिम्मेदार है. आरोप है कि पुतिन ने इन आपराधिक कृत्यों में सीधे तौर पर शामिल थे. इसके साथ ही उन्होंने अपने सैनिकों और लोगों को इन कृत्यों को रोका भी नहीं. वहीं, मारिया को भी यूक्रेनी बच्चों के अवैध निर्वासन के लिए जिम्मेदार माना गया है. न्यूज एजेंसी ने यूक्रेन के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 24 फरवरी, 2022 के बाद से 16 हजार से ज्यादा यूक्रेनी बच्चों को जबरन रूस ले जाया गया है.
गिरफ्तार होंगे पुतिन?
रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर लगे वॉर क्राइम के आरोपों की जांच आईसीसी के प्रॉसिक्यूटर करीम खान कर रहे हैं. न्यूज एजेंसी को उन्होंने बताया कि अगर पुतिन आईसीसी के 120 सदस्य देशों में से किसी भी देश में जाते हैं, तो उन्हें वहां गिरफ्तार किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि ये अरेस्ट वारंट फोरेंसिक जांच के आधार पर जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि हमने जो सबूत पेश किए थे, वो बच्चों के खिलाफ अपराध पर फोकस थे. बच्चे हमारे समाज का सबसे कमजोर हिस्सा हैं. हालांकि, आईसीसी के अध्यक्ष पियोत्र होफमान्स्की का कहना है कि अरेस्ट वारंट को अमल में लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है. आईसीसी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, दुनिया के 123 देश इसके सदस्य हैं. इनमें 33 अफ्रीकी देश, 19 एशियाई देश, 28 लैटिन अमेरिकी और कैरिबियाई देश और 25 पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देश हैं.
जानिए गिरफ्तारी पर कहां फंसा पेच?
आईसीसी ने भले ही पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया है, लेकिन मुकदमा तब तक जारी नहीं हो सकता है, जब तक उन्हें हिरासत में न लिया जाए या फिर वो फिजिकली रूप से मौजूद न हों. हालांकि, पुतिन के खिलाफ केस चलाना इसलिए भी मुश्किल है, क्योंकि रूस आईसीसी का सदस्य नहीं है. यही वजह है कि रूस इस अरेस्ट वारंट को कोई तवज्जो नहीं दे रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामले में आईसीसी से हटकर एक अलग ट्रिब्यूनल को सेट अप किया जा सकता है. 1990 के बाल्कन युद्ध और 1994 के रवांडा नरसंहार के समय ऐसा ही किया गया था. हालांकि, इसमें भी दिक्कत है, क्योंकि कोई भी ट्रिब्यूनल बिना किसी आरोपी को हिरासत में लिए कोई ट्रायल शुरू नहीं कर सकता. अगर ऐसा होता है कि अंतरराष्ट्रीय कानून का पेच फंस सकता है.