Loading election data...

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के तटस्थ रुख से दुनिया में उठ रहे हैं सवाल, जानिए देश क्यों रहता है निष्पक्ष

रूस और यूक्रेन के बीज जारी युद्ध और भारत की तटस्थत रुख से दुनिया में सवाल खड़े होने लगे हैं. जाहिर है भारत ने सीधे तौर पर रूस का न तो विरोध न ही समर्थन किया है, हालांकि, भारत की ओर से रूस को परोक्ष रूप से यह संदेश दिया गया है कि वो अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2022 7:55 AM

रूस और यूक्रेन के बीज जारी युद्ध और भारत की तटस्थत रुख से दुनिया में सवाल खड़े होने लगे हैं. यह ऐसे इसलिए हो रहा है क्योंकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में जब रूस के हमले के बाद आपात बैठक बुलाकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य कार्रवाई के खिलाफ वोटिंग की जा रही थी तब भारत, चीन और यूएई ने वोटिंग से दूर रहकर निष्पक्ष रुख अख्तियार किया. यहीं वजह है कि, इन तीनों देशों की निष्पक्षता या तटस्थता की वजह से यूक्रेन समर्थक देश सवाल खड़े कर रहे हैं.

बताते चलें कि, भारत दुनिया में निरपेक्ष गुट का सदस्य देश है. इसलिए वह हमेशा मानवतावादी नीति अख्तियार करते हुए निष्पक्ष कदम उठाया है. वहां, दुनिया के देशों से उठ रहे सवालों के जवाब में भारत ने एक बयान जारी कर कहा कि, रूस यूक्रेन युद्ध से भारत बेहद परेशान है. भारत ने बयान में एक बार फिर दोहराया कि वो कूटनीति तरीके के इस मसले को सुलझाने के पक्ष में है. जाहिर है भारत ने सीधे तौर पर रूस का न तो विरोध न ही समर्थन किया है, हालांकि, भारत की ओर से रूस को परोक्ष रूप से यह संदेश दिया गया है कि वो अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करें.

बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट में पूर्व भारतीय राजनयिक जेएन मिश्रा ने कहा है कि भारत के पास चुनने के लिए दो विकल्प है एक अच्छा और एक बुरा. उन्होंने कहा कि भारत दोनों तरफ एक ही समय में नहीं जा सकता है. भारत की ओर से जारी हालिया बयानों से साफ है कि वो रूस की सीधे तौर पर नाम नहीं ले रहा इसका अर्थ है कि भारत रूस के खिलाफ नहीं जाएगा. साथ भारत ने कूटनीति रास्ते से समस्या का हल निकालने की बात कहकर यह भी साफ कर दिया कि, वो रूस का समर्थन भी नहीं कर रहा है.

जाहिर पश्चिम देशों और अमेरिका के साथ-साथ भारत का रूस के साथ भी काफी अच्छा रिश्ता है. भारत रूस से बड़े पैमाने पर सुरक्षात्मक उपकरणों और हथियारों का आयात करता है. रूस भारत के लिए सबसे बड़ा हथियारों का सप्लायर है. हाल में भारत रूस के बीच एस 400 मिसाइल की डील हुई है जो पाकिस्तान और चीन के लिहाज से भारत को मजबूती प्रदान करता है.

इसके अलावा रूस भारत का हमेशा से भरोसेमंद साथी रहा है. कश्मीर विवाद को लेकर रूस ने यूएनएससी के प्रस्तावों को वीटो किया था, कश्मीर मुद्दा हमेशा द्विपक्षीय मुद्दा बनी रहे. अमेरिका के विरोध के बाद भी रूस भारत को हथियारों की आपूर्ति करता है. ऐसे में भारत भी अपनी सुरक्षा की अनदेखी नहीं कर सकता, वो भी ऐसे समय जब चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन भारत के खिलाफ खुलकर मैदान में खड़े हैं.

Posted by: Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version