Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग को लेकर हाल के दिनों में पैदा हुई गंभीर स्थिति पर विचार रखते हुए पोप फ्रांसिस ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से युद्ध समाप्त करने की अपील की है. इसके साथ ही, पोप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को भी शांति के लिए गंभीर प्रस्तावों के मिलने पर खुले मने से विचार करने की सलाह दी है.
पोप फ्रांसिस ने सेंट पीटर्स स्क्वायर में लोगों को संबोधित करते हुए युद्ध के संबंध में अपनी सबसे मजबूत अपील करते हुए उक्त बातें कहीं. उन्होंने पुतिन से यूक्रेन में हिंसा और मौत के चक्र को रोकने का आग्रह किया और परमाणु युद्ध के जोखिम की निंदा की तथा इस खतरे को बेतुका करार दिया. साथ ही पोप ने कहा कि मैं यूक्रेन के राष्ट्रपति से शांति के गंभीर प्रस्तावों के लिए खुले रहने की अपील करता हूं. उन्होंने कहा, यह बड़ी चिंता का विषय है कि यूक्रेन में युद्ध इतना गंभीर, विनाशकारी और खतरनाक हो गया है. तत्काल युद्धविराम का आह्वान करते हुए पोप ने कहा कि ऐसा होगा यदि बातचीत की शर्तें मानव जीवन के पवित्र मूल्य के सम्मान के साथ-साथ प्रत्येक देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर तथा अल्पसंख्यकों के अधिकारों एवं वैध चिंताओं पर आधारित हों.
पोप ने कहा, मैं अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के विपरीत आगे की कार्रवाइयों के साथ हाल के दिनों में पैदा हुई गंभीर स्थिति के लिए गहरा खेद व्यक्त करता हूं. यह परमाणु वृद्धि के जोखिम को बढ़ाता है, जिससे दुनिया भर में अनियंत्रित और विनाशकारी परिणामों की संभावना बढ़ जाती है. पोप ने युद्ध को मानवता के लिए एक भयानक और अकल्पनीय घाव बताते हुए कहा कि युद्ध को ठीक करने के बजाय और भी अधिक रक्त बहाया जा रहा है, जिसके आगे और फैलने का खतरा है. मैं इन महीनों में खून और आंसू की नदियों से दुखी हूं. मैं हजारों पीड़ितों, विशेष रूप से बच्चों और विनाश से दुखी हूं, जिसने कई लोगों और परिवारों को बेघर कर दिया है तथा ठंड व भूख के साथ विशाल क्षेत्रों को खतरे में डाल दिया है.
पोप ने कहा कि कुछ कार्यों को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है. कई यूक्रेनी क्षेत्र कथित सामूहिक कब्रों को लेकर या परमाणु संयंत्रों के लिए आसन्न जोखिम के कारण सुर्खियों में रहे हैं. अतीत के इस तरह के घटनाक्रमों पर ध्यान देते हुए पोप ने व्यथित रूप से सभा से कहा कि यह परेशान करने वाला है कि दुनिया सीख रही है. उन्होंने युद्ध को बेतुका बताया और सवाल किया, आगे क्या होना है? हमें यह महसूस करने के लिए कितना खून बहना चाहिए कि युद्ध कभी समाधान नहीं है, केवल विनाश है? भगवान के नाम पर और मानवता की भावना के नाम पर जो हर दिल में बसती है, मैं तत्काल युद्धविराम के अपने आह्वान को फिर से दोहरा रहा हूं. आइए हथियारों पर विराम लगाएं और बातचीत के लिए शर्तों की तलाश करें, जो समाधान की ओर ले जाएं.
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