Russia Ukraine War: रूसी सेना से जंग के लिए यूक्रेन की जनता तैयार, कलम और की-बोर्ड छोड़ उठाए हथियार

यूक्रेन के शहरों पर रूसी सेना के लगातार हमले से भीषण तबाही मची है. वहीं, यूक्रेन की सेना ने रूस को पिछले चार दिनों से कीव के बाहर रोक कर रखा है. इस बीच, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि अगले 24 घंटे यूक्रेन के लिए सबसे कठिन होने वाले हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2022 8:49 PM

Russia Ukraine Conflict यूक्रेन के शहरों पर रूसी सेना के लगातार हमले से भीषण तबाही मची है. इस हिंसा में अब तक सात बच्चों सहित 102 नागरिकों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है. वहीं, यूक्रेन की सेना ने रूस को पिछले चार दिनों से कीव के बाहर रोक कर रखा है. इस बीच, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि अगले 24 घंटे यूक्रेन के लिए सबसे कठिन होने वाले हैं.

रूसी सेना से जंग के लिए यूक्रेन की जनता तैयार

मिल रही जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन के सैनिकों के पास हथियारों की संख्या भले ही कम हो. लेकिन, दृढ इरादों से यूक्रेनी सैनिकों ने फिलहाल राजधानी कीव और अन्य प्रमुख शहरों में रूसी सैनिकों की रफ्तार थाम ली है. रूसी सेना से जंग के लिए यूक्रेन की जनता ने भी कमर कस ली है. इसी कड़ी यूक्रेन के नागरिकों ने कलम और की-बोर्ड छोड़ हथियार उठा लिए है.

कई आम नागरिकों के पास नहीं है कोई सैन्य अनुभव

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी सैनिकों के आक्रमण से लड़ने के लिए नागरिकों ने स्वयं हथियार उठाए लिए है. यूक्रेन की शहरों पर रूसी सैनिकों की ओर से जारी आक्रमण के बीच यूक्रेनी नागरिक अपने देश की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं. जबकि, कईयों के पास कोई पिछला सैन्य अनुभव नहीं है. बताया जा रहा है कि यूक्रेन में 18 से 60 वर्ष की आयु के पुरुषों के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और उनसे लड़ने का आग्रह किया गया है.

क्षेत्रीय रक्षा सदस्यों को सौंपी गई 25,000 बंदूकें

यूक्रेन के रक्षा मंत्री का कहना है कि अकेले कीव क्षेत्र में क्षेत्रीय रक्षा सदस्यों को 25,000 बंदूकें सौंपी गई हैं. बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच जंग का आज 5वां दिन है. कीव से धमाकों और गोलीबारी की कई घटनाएं सामने आई हैं. अमेरिका-ब्रिटेन सहित कई देश यूक्रेन की मदद के लिए आगे आए हैं. ये देश रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को हथियार दे रहे हैं. हालांकि, दुनिया के ऊपर परमाणु युद्ध का खतरा भी मंडरा रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न्यूक्लियर फोर्स को अलर्ट कर दिया है. जवाब में परमाणु निगरानी एजेंसी ने एक अहम बैठक करने का फैसला लिया है.

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