Russia Ukraine War : पुतिन का ऑपरेशन अमेरिका! न्यूयॉर्क के करीब पहुंचा एडमिरल गॉर्शकोव

Russia Ukraine War : व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में "विशेष सैन्य अभियान" के एक साल पूरे होने जा रहे हैं. इस बीच जो खबर आ रही है उसके अनुसार एडमिरल गॉर्शकोव अमेरिका के बहुत नजदीक पहुंच गया है. जानें पूरा मामला

By Amitabh Kumar | January 25, 2023 6:44 PM
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Russia Ukraine War : यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और अमेरिका आमने सामने आ गये हैं. रूस के सबसे खतरनाक जंगी जहाज में शुमार होने वाले ब्रिगेड के बारे में जो खबर आ रही है वो चौंकाने वाली है. दरअसल एडमिरल गॉर्शकोव अमेरिका के करीब पहुंच चुका है और ये खतरनाक मिसाइल जिरकॉन से लैस है. इसका रेंज करीब एक हजार किलोमीटर है. अमेरिका के करीब पहुंचने से उसका तटीय इलाका उसकी जद में आ चुका है.

आपको बता दें कि रूस की हाइपरसॉनिक मिसाइल जिरकॉन है जो सबसे खतरनाक है. एडमिरल गॉर्शकोव को चार जनवरी को रवाना किया गया था. यह इंग्लिस चैनल से होते हुए अटलांटिक तक पहुंचा. यह दक्षिण अफ्रीका में युद्धाभ्यास के लिए जाएगा. रूसी टेलिग्राम चैनल के हवाले से न्यूज 18 ने ये खबर दी है. हालांकि इस खबर को चैनल ने अपुष्ट करार दिया है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच ये खबर आयी है.

गॉर्शकोव को ट्रैक कर रही है नाटो

एडमिरल गॉर्शकोव अमेरिकी समुद्री सीमा के करीब पहुंच गया है. दावा किया गया है कि इसे अंतरराष्ट्रीय जल सीमा पर देखा गया है. ये अमेरिकी सीमा से इतने करीब आ गया है कि मिसाइल जिरकॉन की मारक क्षमता की जद में वो आ गया है. ये जंगी जहाज युद्धक अभियान के लिए तैयार है. बताया जा रहा है कि नाटो की सेना गॉर्शकोव को ट्रैक कर रही है.

रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल

मिसाइल जिरकॉन के अलावा एडमिरल गॉर्शकोव पर कई ऐसी मिसाइल तैनात है जो खतरनाक है और दुश्मन के होश उड़ा सकता है. आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच करीब एक साल से युद्ध चल रहा है और कई देश यूक्रेन के समर्थन में खुलकर उतरे हैं. इन देशों में एक नाम अमेरिका का भी है.

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पुतिन का यूक्रेन में “विशेष सैन्य अभियान”

उल्लेखनीय हे कि व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में “विशेष सैन्य अभियान” के एक साल पूरे होने जा रहे हैं. हालांकि, आज रूसी सेनाओं द्वारा लड़ा जा रहा युद्ध एक वर्ष पहले के युद्ध से बहुत अलग है जब रूस ने पहली बार यूक्रेन पर आक्रमण किया था. फरवरी 2022 में, कीव पर रूस ने हमला किया था. यूक्रेन में शासन परिवर्तन के उद्देश्य से किया गया ये हमला ऐसा लग रहा था कि जल्द ही खत्म हो जाएगा लेकिन एक साल के बाद भी यूक्रेन ने हथियार नहीं डाले हैं.

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