नई दिल्ली : रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर शु्क्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक बार फिर बैठक आयोजित की गई. यूएनएससी की इस बैठक के दौरान यूक्रेन में जैविक हथियार कार्यक्रम चलाने के लिए स्थापित रिसर्च सेंटर (लैब) को लेकर रूस और अमेरिका (यूएस) के प्रतिनिधि आमने-सामने दिखाई दिए. यूएनएससी की इस बैठक में रूस ने आरोप लगाए कि यूक्रेन के क्षेत्र में जैविक हथियार के लिए रिसर्च सेंटर बनाए गए.
इसके बचाव में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि ने कहा कि यूक्रेन में जैविक हथियार के लिए कोई लैब नहीं है. वहां केवल स्वास्थ्य सुविधाएं हैं. रूस ही अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है. इस बीच, यूएनएससी की इस बैठक में भारत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह रूस-यूक्रेन के बीच चल रही वार्ता का स्वागत करता है, लेकिन दोनों को शत्रुता समाप्त कर कूटनीतिक रास्ता अपनाना चाहिए.
यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक में रूस के प्रतिनिधि ने आरोप लगाते हुए है कि जैविक हथियारों बनाने के लिए यूक्रेन में एक लैब तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारे रक्षा मंत्रालय को यूक्रेन के क्षेत्र में पेंटागन द्वारा की गई गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में अधिक सामग्री प्राप्त हो रही है. बताते चलें कि इससे पहले यूएनएससी की बैठक में रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाया था कि यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में अमेरिका जैविक हथियारों का इस्तेमाल करवा सकता है. इस बैठक में भी रूस ने यूक्रेन में जैविक हथियार के लिए लैब स्थापित होने का आरोप लगाया था.
वहीं, यूएनएससी की बैठक में रूस के प्रतिनिधि की ओर से लगाए गए आरोप के बाद अमेरिकी प्रतिनिधि ने यूक्रेन का बचाव किया. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में जैविक हथियार कार्यक्रम नहीं और न ही जैविक हथियार तैयार करने के लिए कोई लैब भी नहीं है. खास करके रूसी सीमा के पास तो नहीं ही है. उन्होंने कहा कि वहां केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं हैं. गौर करने वाली बात यह है कि इस बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधि ने रूस के आरोपों का जवाब देने की बजाए प्रत्यारोप लगाते हुए कहा कि यह रूस ही है, जिसने लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन करते हुए जैविक हथियार कार्यक्रम बनाए रखा है.
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वहीं, यूएनएससी की बैठक में रूसी और अमेरिकी प्रतिनिधियों की आपसी जंग के बीच भारत में तटस्थता का रुख अख्तियार करते हुए रूस और यूक्रेन से शत्रुता समाप्त कर बातचीत जारी रखने की अपील की. यूएनएससी में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन में लगातार बिगड़ती स्थिति के बारे में चिंतित है. हम रूस और यूक्रेन के बीच राजनयिक बातचीत के नवीनतम दौर का स्वागत करते हैं. हमारा मानना है कि शत्रुता को तत्काल समाप्त करना और बातचीत और कूटनीति के मार्ग पर लगन से आगे बढ़ना ही एकमात्र रास्ता है.