चीन-पाकिस्तान के प्लान पर रूस का वीटो, अफगानिस्तान ग्रुप में भारत के एंट्री की मांग 

Russia Veto China Pakistan Plan: पाकिस्तान और तालिबान के बीच रिश्ते खराब हो रहे हैं और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में हवाई हमले भी किए हैं. ऐसे में भारत और अफगानिस्तान के बीच नजदीकी बढ़ रही है.

By Aman Kumar Pandey | January 16, 2025 10:27 AM

Russia Veto China Pakistan Plan: अफगानिस्तान के मुद्दे पर अक्सर पाकिस्तान और चीन की जुगलबंदी देखने को मिलती है. अब तक अफगानिस्तान के मामले में रूस, चीन, पाकिस्तान और ईरान के समूह में भारत को शामिल नहीं किया गया था. चीन और पाकिस्तान नहीं चाहते थे कि भारत इस समूह का हिस्सा बने, लेकिन अब रूस की ओर से स्थिति बदलती नजर आ रही है. रूस के विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव ने इस समूह में भारत को शामिल करने की वकालत की है. लावरोव का कहना है कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के बीच विश्वास बनाए रखना जरूरी है और भारत को इस समूह में शामिल करना सही कदम होगा.

हाल ही में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री के बीच दुबई में एक बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारत अफगानिस्तान के मामलों में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है. तालिबान सरकार भी अब भारत के प्रति नरम रुख अपना रही है, और दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हो रहा है. दुबई में हुई बैठक के दौरान भारत ने अफगानिस्तान को आश्वासन दिया था कि वह पाकिस्तान से वापस भेजे जा रहे शरणार्थियों की मदद करेगा और वहां चल रही विकास परियोजनाओं में भी सहयोग देगा.

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पाकिस्तान और तालिबान के बीच रिश्ते खराब हो रहे हैं और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में हवाई हमले भी किए हैं. ऐसे में भारत और अफगानिस्तान के बीच नजदीकी बढ़ रही है. रूस, चीन, पाकिस्तान और ईरान के गठबंधन को “अफगानिस्तान क्वॉड” कहा जा रहा है. इस समूह की नवंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान बैठक हुई थी, जिसमें रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने भारत को भी शामिल करने की मांग उठाई. इस बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री मुहम्मद आसिफ, चीन के वांग यी, और ईरान के सैयद अब्बास अराघची शामिल थे.

रूस द्वारा भारत का समर्थन करना भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है. तालिबान से भारत के संबंध सुधरने को पाकिस्तान ने अपने खिलाफ माना है और वह नहीं चाहेगा कि भारत इस समूह का हिस्सा बने. लेकिन रूस के हस्तक्षेप से स्थिति बदल सकती है.

SCO के अंतर्गत अफगानिस्तान के लिए एक कॉन्टेक्ट ग्रुप भी है, जिसमें सभी सदस्य देश शामिल हैं. लेकिन 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह ग्रुप निष्क्रिय हो गया था. चीन और पाकिस्तान क्वॉड में अधिक रुचि रखते हैं और भारत को इससे बाहर रखना चाहते हैं. हालांकि, रूस इस विचार से सहमत नहीं है. भारत ने 2022 में काबुल में एक टेक्निकल ऑफिस भी खोला था, जिससे पिछले दो वर्षों में तालिबान के साथ बातचीत बढ़ी है. रूस का समर्थन भारत को अफगानिस्तान के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद कर सकता है.

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