Russia Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार को बेलारूस पहुंचे है. वहीं, दूसरी ओर रूसी सेना लगभग 10 महीने से जारी युद्ध में यूक्रेन पर हवाई हमले और तेज कर रही है. पुतिन के बेलारूस पहुंचने से कुछ ही घंटे पहले रूसी सेना ने यूक्रेन पर ताजा ड्रोन हमला किया. रूसी सैनिक सर्दी के दौरान यूक्रेन से वापस जाने की रणनीति के तहत यूक्रेन के बिजली संयंत्रों को निशाना बना रहे हैं. बता दें कि यूक्रेन युद्ध के दस महीने बीत चुके हैं और फिलहाल कोई अंत नजर नहीं आ रहा है.
वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संघर्ष पर एक विद्रोही रुख अपना रखा है. युद्धग्रस्त देश में ऊर्जा लक्ष्यों पर मास्को द्वारा किए गए हमलों के बीच, रूसी राष्ट्रपति ने संघर्ष पर अपनी नवीनतम टिप्पणी में कहा कि देश के कुछ हिस्सों में स्थिति बेहद कठिन थी, जिसे क्रेमलिन ने अपना घोषित किया है. यह तब आया जब कीव ने युद्ध को समाप्त करने के लिए हथियार समर्थन के नवीकरण का आह्वान किया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने रूसी राष्ट्रपति से कहा है कि हां, अब आपके लिए यह मुश्किल है. खेरसॉन और जापोरिज्जिया क्षेत्रों में स्थिति बेहद कठिन है.
वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने हथियारों के समर्थन को बढ़ाने का आह्वान किया है. स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि 28 ड्रोन में से कम से कम 23 को सोमवार को मार गिराया गया है. इधर, पुतिन ने सोमवार को अपने बेलारूसी समकक्ष अलेक्जेंडर लुकाशेंको से भी मुलाकात की. लेकिन, इससे यूक्रेन में डर पैदा हो गया कि पड़ोसी देश संघर्ष में मास्को को और समर्थन दे सकता है. हालांकि, लुकाशेंको ने बार-बार कहा है कि उनका देश यूक्रेन युद्ध में शामिल नहीं होगा. पुतिन की प्रशंसा में बेलारूसी नेता ने रूसी राष्ट्रपति को बड़ा भाई कहा था. उन्होंने कहा कि रूस हमारे बिना प्रबंधन कर सकता है, लेकिन हम रूस के बिना प्रबंधन नहीं कर सकते.
बताते चलें कि फरवरी में संघर्ष के बढ़ने के बाद से हजारों लोग मारे गए हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह यूरोप में सबसे खराब संघर्ष है. उच्च वायु रक्षा कीव की प्रमुख मांगों में से एक रही है. जेलेंस्की ने वीडियो लिंक द्वारा कहा कि यूक्रेन के लिए 100 प्रतिशत वायु रक्षा कवच रूसी आक्रामकता के खिलाफ सबसे सफल कदमों में से एक होगा. इस कदम की अभी जरूरत है. सर्दी शुरू होते ही देश कई हिस्सों में व्यापक बिजली संकट से जूझ रहा है.