रूसी नौसेना के सबसे महत्वपूर्ण युद्धपोतों में से एक काला सागर में डूब चुका है. जानकारी के अनुसार काला सागर में तैनात रूसी युद्ध बेड़े को गुरुवार को उस वक्त बड़ा नुकसान हुआ जब एक युद्धपोत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. हालांकि उसके चालक दल के सभी सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. इस संबंध में यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि उनकी सेना ने युद्धपोत पर मिसाइल से हमला किया था, लेकिन रूस का कहना है कि युद्धपोत मोस्कवा आग लगने से क्षतिग्रस्त हुआ है, उसपर कोई हमला नहीं हुआ.
इस बीच पेंटागन के अधिकारियों का भी मामले को लेकर बयान आया है. उनकी ओर से कहा गया है कि यह युद्धपोत ओडेसा से करीब 60-65 समुद्री मील की दूरी पर था, जब उसमें आग लगी और घंटों बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है. युद्धपोत का क्षतिग्रस्त होना रूस की सेना के लिए बड़ा झटका होगा वहीं रूस के लिए यह सांकेतिक हार भी होगा.
इधर क्रेमलिन ने दावा किया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मिलने से इनकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन मुलाकात का आधार तैयार करने की जरूरत है. वहीं, अमेरिका की ट्रेजरी सचिव ने रूस-यूक्रेन युद्ध में चीन के दखल की मांग की है. उन्होंने आग्रह किया है कि चीन को रूस के साथ अपने विशेष संबंधों का इस्तेमाल करके युद्ध की समाप्ति में भूमिका निभानी चाहिए.
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के लिए तोपखाने और हेलीकॉप्टरों सहित नयी सैन्य सहायता के रूप में 80 करोड़ डॉलर की मंजूरी दी, ताकि यूक्रेन रूसी आक्रमण के खिलाफ अपने बचाव को मजबूत कर सके. आइसीसी के अभियोजक करीम खान ने बुचा का दौरा किया. रूसी सेना के पीछे हटने के बाद वहां नागरिकों की हत्याओं के सबूत मिले थे.
संयुक्त राष्ट्र की चार समितियों के लिए हुए चुनाव में रूस को हार का सामना करना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में विभिन्न रिक्तियों को भरने के लिए बुधवार को चुनाव हुए. रूस गैर-सरकारी संगठनों की समिति, संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यकारी बोर्ड, यूनिसेफ कार्यकारी बोर्ड और स्वदेशी मुद्दों पर स्थायी मंच के लिए हुए चुनावों में किस्मत आजमा रहा था.